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दिल्ली फार्मेसी परिषद का पूर्व रजिस्ट्रार चला रहा था फार्मासिस्टों के अवैध पंजीकरण का धंधा, 47 गिरफ्तार

जांच में पता चला है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हजारों फार्मासिस्टों का अवैध पंजीकरण किया गया था। इसके अलावा, बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के VMC नामक निजी फर्म को ऑनलाइन पंजीकरण काम सौंपा गया था।

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Arrasted face registration case

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

दिल्ली में एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने फर्जी फार्मेसी पंजीकरण रैकेट का खुलासा करके दिल्ली फार्मेसी परिषद (डीपीसी) के एक पूर्व कर्मचारी समेत 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हजारों फार्मासिस्टों का अवैध पंजीकरण किया गया था। इसके अलावा, बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के VMC नामक निजी फर्म को ऑनलाइन पंजीकरण काम सौंपा गया था। इस घोटाले में कई दलाल, कॉलेज कर्मचारी और प्रिंटिंग शॉप मालिक शामिल हैं, जो फर्जी डिप्लोमा और प्रमाण पत्र तैयार कर अवैध रूप से पंजीकरण कराते थे।

जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए 

संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा के अनुसार, पूर्व रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर यह घोटाला किया। इस कंपनी को 'फार्मासिस्ट' के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन ऐसा करते हुए निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और निर्धारित प्रक्रिया का भी उल्लंघन किया गया। जांच में सामने आया कि डीपीसी अधिकारियों और डिप्लोमा कॉलेजों के बीच समन्वय कराने वाले एक बिचौलिए संजय के जरिये घूस ली जाती थी। फर्जी प्रमाणपत्र अपलोड किए जाते थे, जिन्हें डीपीसी कर्मचारियों की मिलीभगत से सत्यापित किया जाता था। जांच में पाया गया कि कुलदीप सिंह ने 16 अगस्त 2023 को पद छोड़ने के बाद भी निजी ईमेल से पंजीकरण मंजूर किए। 

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फर्जी प्रमाण पत्रों की प्रिंटिंग

दिल्ली के शाहबाद निवासी नीरज फर्जी प्रमाण पत्रों की प्रिंटिंग करता था, जांच में उसके कंप्यूटर से कई फर्जी दस्तावेज मिले
फर्जी ईमेल आईडी का उपयोग: फर्जी ईमेल आईडी से प्रमाणपत्रों की पुष्टि कराई गई
रिश्वत लेने के आरोप: पूर्व रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह पर दलाल संजय के जरिए रिश्वत लेने के आरोप हैं
फर्जी पंजीकरण की बड़ी संख्या: कुल 4928 फर्जी पंजीकरण हुए हैं, जो एक बड़े पैमाने पर चल रहे रैकेट को दर्शाता है

गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी

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  •   कुलदीप सिंह (पूर्व रजिस्ट्रार, दिल्ली फार्मेसी काउंसिल
  •   मुकेश कुमार (क्लर्क, दिल्ली फार्मेसी काउंसिल
  •  संजय कुमार (मुख्य दलाल)
  •  धर्मेंद्र, अजय सैनी, जय किशोर पोद्दार, नीरज, अजय कुमार (सब-टाउट)
  •  नीरज (प्रिंटिंग शॉप मालिक)
  •  गुरुशरण, हरिओम, ज़फर हयात (फार्मेसी कॉलेज कर्मचारी)
  • 35 अवैध फार्मासिस्ट/केमिस्ट गिरफ्तार (सूची संलग्न)
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