Advertisment

दिल्ली में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम की छूट, जानें क्या हैं नियम एवं शर्तें

दिल्ली सरकार ने महिलाओं को दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में रात की पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय महिलाओं की आत्मनिर्भरता और कार्यबल में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देगा।

author-image
YBN News
delhiiii
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

दिल्ली ,वाईबीएन डेस्क। दिल्ली में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार ने महिलाओं को दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट 24x7 में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। यह फैसला न केवल महिलाओं को अधिक रोजगार के अवसर देगा, बल्कि दिल्ली को एक 24x7 बिजनेस हब बनाने की दिशा में भी अग्रसर करेगा।

पहले क्या था नियम?

अब तक, दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम-1954 के अंतर्गत महिलाओं को रात्रि के समय गर्मियों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक और सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक काम करने की अनुमति नहीं थी। इस नियम के कारण महिलाएं सीमित समय तक ही काम कर सकती थीं, जिससे उनकी भागीदारी वाणिज्यिक क्षेत्रों में कम हो जाती थी। 

नया बदलाव क्या है?

Advertisment

सरकार ने इस अधिनियम की धारा 14, 15 और 16 में सं शोधन करते हुए अब महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की छूट देने का फैसला किया है। यह प्रस्ताव उपराज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है और जल्द ही लागू होने की उम्मीद है। 

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े प्रावधान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होगी। इस निर्णय के साथ ही दुकानों और प्रतिष्ठानों को निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा -

  1. रात्रि ड्यूटी के दौरान परिवहन की व्यवस्था (पिक-अप और ड्रॉप सुविधा)
  2. कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी
  3. पर्याप्त सुरक्षा गार्ड की तैनाती
  4. कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए आरामदायक और सुरक्षित माहौल।
Advertisment

शर्तों के साथ रात में काम करने की इजाजत

 महिलाओं को रात्रि पाली में रखने से पहले उनकी लिखित सहमति लेना जरूरी होगा, कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था अनिवार्य होगी। इसके अलावा महिला जहां काम करेगी, वहां पर कंपनी को यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम (POSH Act) के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनानी होगी।

साथ ही महिलाओं के लिए रेस्ट रूम, टॉयलेट, लॉकर आदि की सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी। नियम यह भी बनाया गया है कि महिलाओं को वेतन का भुगतान बैंक/ईसीएस से होना चाहिए। शर्तों में ईएसआई, बोनस, भविष्य निधि आदि सभी कानूनी लाभ प्रदान करना, साप्ताहिक अवकाश व ओवरटाइम का भुगतान भी शामिल है। 

Advertisment

दिल्ली सरकार का यह कदम महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने और उनके लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल महिलाओं के लिए नई राहें खोलेगा बल्कि समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा।
(अनुष्का चोपड़ा)

Advertisment
Advertisment