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घना कोहरा, टूटी सड़कें, Uttarkashi रेस्क्यू में बाधा डाल रहा मौसम

उत्तरकाशी में आई अचानक बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से बचाव कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो गए हैं। घना कोहरा, टूटी सड़कें, ध्वस्त संचार नेटवर्क और खतरनाक मौसम ने रेस्क्यू दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

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Ranjana Sharma
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उत्तरकाशी, वाईबीएन डेस्क: धराली व हर्षिल क्षेत्र में अचानक हुई भारी बारिश और बादल फटने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बाढ़ और तेज भूस्खलन ने कई मुख्य मार्गों को बाधित कर दिया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। घना कोहरा, मलबे में दबे रास्ते और टूटे संचार नेटवर्क बचाव कार्यों में बड़ी रुकावट बन रहे हैं। 

यह आ रहीं बाधाएं 

  • सड़क संपर्क टूट गया: बड़े-बड़े पत्थर, कीचड़ और मलबा मार्गों को जाम कर चुके हैं, जिससे रेस्क्यू टीमों को पैदल ही आगे बढ़ना पड़ रहा है। 
  • हवाई बचाव निलंबित: वायुसेना के Mi-17, Chinook और ALH विमान तैयार हैं लेकिन घने कोहरे और विजिबिलिटी की कमी के कारण उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। 
  • संचार व्यवस्था बाधित: मोबाइल और बिजली टावर बहने से टीमों को केवल सैटेलाइट फोन से संपर्क करना पड़ रहा है, जिससे संचालन में कठिनाई हो रही है। 

बचाव और राहत कार्यों की स्थिति

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सेना, NDRF, SDRF और ITBP की टीमें कीचड़ और मलबे के बीच बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं। वहीं ड्रोन, ट्रैकर डॉग्स और भारी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है, पर मौसम और भौगोलिक बाधाओं के कारण राहत ऑपरेशन धीमा हो रहा है। यहां तक कि एयर कैंप भी प्रभावित हुआ है हर्षिल में स्थित सेना कैंप को भी बाढ़ की चपेट में आने की वजह से राहत कार्य में बाधा आई है। 

50 से अधिक लोग लापता

कम से कम पांच लोगों की मृत्यु हुई है और 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इनमें सेना के 11 जवान भी शामिल हैं। अब तक लगभग 130 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि कई अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका बनी हुई है। 

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मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी

मौसम विभाग ने इलाकों में आगे भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे और अधिक खतरे उत्पन्न होने की संभावना बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना क्लाइमेट चेंज और हिमालयी बर्फ़ एवं ग्लेशियरों का असामयिक पिघलना जैसे पर्यावरणीय कारकों से भी प्रभावित हो सकती है।

Uttarkashi Rain Alert
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