राजे एडवर्ड स्मारक (के. ई. एम.) अस्पताल ने अपने शताब्दी वर्ष का समापन करते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ें कई बड़े निर्देश दिए । बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी ) द्वारा संचालित राजे एडवर्ड स्मारक (के. ई. एम.) अस्पताल और सेठ गोर्धनदास सुंदरदास वैद्यकीय महाविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में वार्षिक रिपोर्ट 2024 और दैनिक पत्रिका 2025 का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर, विधायक कालिदास कोलंबकर, विधायक सुनील शिंदे, बृहन्मुंबई महानगरपालिका आयुक्त भूषण गगराणी, और अन्य कई प्रमुख लोग मौजूद थे।
उपमुख्यमंत्री ने दिए कई निर्देश
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश देते हुए कहा, अस्पताल में ‘आयुष्मान शताब्दी टॉवर’ का निर्माण किया जाए, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल में एक वैद्यकीय संग्रहालय (डॉक्टर म्यूज़ियम) शुरू करने, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए आवास व्यवस्था करने और ‘जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी’ जल्दी लागू करने का भी निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने इस अवसर पर कहा, “के. ई. एम. अस्पताल ने अपने सेवा कार्य में जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अनमोल है। यहां के डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन सेवा भावना से करते हैं। यह अस्पताल मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्र के लिए एक मजबूत सहारा बना हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि के. ई. एम. अस्पताल में 41 वर्षों तक अरुणा शानबाग की निस्वार्थ सेवा एक ऐतिहासिक उदाहरण है।
अस्पताल की ऐतिहासिक उपलब्धियां
उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल की ऐतिहासिक उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “1968 में भारत की पहली हृदय शस्त्रक्रिया यहां की गई थी, और 2024 में यहां हृदय प्रत्यारोपण हुआ। कोविड के दौरान डॉक्टरों और कर्मचारियों ने जो काम किया, उसके लिए भारतीय वायुसेना ने पुष्पवृष्टि की थी। इसके अलावा, के. ई. एम. अस्पताल ने अवयवदान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किया है।”
आधुनिक चिकित्सा की दिशा में योगदान
शिंदे ने कहा कि के. ई. एम. अस्पताल ने आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। 1987 में यहां भारत का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी हुआ था और आज यहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने अस्पताल के शताब्दी वर्ष को भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधारशिला बताया। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन के द्वारा के. ई. एम. अस्पताल और सेठ गोर्धनदास सुंदरदास वैद्यकीय महाविद्यालय को हमेशा पूरी मदद मिलती रहेगी। उन्होंने अस्पताल के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में अस्पताल के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।