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ED की छापेमारी से खुला चंडीगढ़ का कॉल सेंटर रैकेट : कैसे 'टेक सपोर्ट' के नाम पर विदेशियों से ठगे करोड़ों? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
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पंजाब, वाईबीएन डेस्क: पंजाब में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार सुबह फगवाड़ा स्थित वाहिद संधार शुगर मिल, उससे जुड़ी गोल्ड जिम, और मिल के मालिक जर्नैल सिंह वाहिद के आवासीय व व्यावसायिक ठिकानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। सुबह तड़के शुरू हुई इस कार्रवाई में ईडी की करीब 60 से 70 अधिकारियों की टीमों ने एक साथ विभिन्न स्थानों पर दबिश दी। फगवाड़ा के जीटी रोड स्थित शुगर मिल परिसर के अलावा, गोल्ड जिम और अन्य संपत्तियों की भी तलाशी ली गई।
ईडी की जांच जारी है
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी किसानों के लगभग 40 करोड़ रुपये के बकाया, और सरकारी मुआफी जमीन के दुरुपयोग से जुड़े मामलों से संबंधित है। अधिकारीयों ने इन ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और अन्य साक्ष्य जब्त किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की है, जिसमें यह सामने आया था कि मिल ने एक ऐतिहासिक मुआफी जमीन का दुरुपयोग किया था यह जमीन वर्ष 1933 में कपूरथला रियासत के महाराजा जगत जीत सिंह द्वारा आवंटित की गई थी। फिलहाल, ईडी की जांच जारी है और संबंधित संस्थाओं तथा व्यक्तियों से पूछताछ की जा सकती है। इस छापेमारी को राज्य में हालिया समय की सबसे बड़ी प्रवर्तन कार्रवाई माना जा रहा है।
क्या है मुआफी जमीन विवाद?
माफी जमीन वह होती है जो किसी समाजसेवी या धार्मिक संस्था को बिना किराया लिए खास उद्देश्य से दी जाती है। 1933 में कपूरथला के महाराजा द्वारा जो जमीन दी गई थी, उसका उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए होना था। आरोप हैं कि बाद में इस जमीन का उपयोग व्यावसायिक हित में किया गया, जो कि शर्तों का उल्लंघन है।
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