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चंडीगढ़, वाईबीएन डेस्क: हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने छोटे भूखंडों पर स्टांप शुल्क समाप्त करने का फैसला लिया है। अब से शहरी क्षेत्रों में 50 वर्ग गज तक और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 वर्ग गज तक की आवासीय संपत्तियों की रजिस्ट्री पर कोई स्टांप ड्यूटी नहीं लगेगी। यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा। यह राहत पीएम आवास योजना, सीएम शहरी आवास योजना और सीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत खरीदी गई संपत्तियों पर भी लागू होगी।
विपक्ष के आरोपों पर सैनी का जवाब
यह घोषणा विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) द्वारा हाल ही में कलेक्टर दरों में हुई वृद्धि पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में की गई। मुख्यमंत्री सैनी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बढ़ी हुई कलेक्टर दरों का मकसद पारदर्शिता और राजस्व में वृद्धि है, न कि जनता पर बोझ डालना।
कलेक्टर दर में कैसे हुई वृद्धि?
सीएम ने बताया कि राज्य के 2,46,812 खंडों में से 72.01% इलाकों में केवल 10% की वृद्धि की गई है। यह प्रक्रिया डेटा आधारित और वैज्ञानिक फॉर्मूले पर आधारित रही, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र की शीर्ष 50% संपत्ति रजिस्ट्रियों का विश्लेषण किया गया। जिन क्षेत्रों में संपत्ति के रजिस्ट्री मूल्य, कलेक्टर दर से 200% अधिक पाए गए, वहां अधिकतम 50% तक की वृद्धि की गई है। इनेलो विधायक आदित्य देवी लाल ने आरोप लगाया कि बढ़ी हुई कलेक्टर दरों के कारण आम लोगों के लिए घर खरीदना अब बहुत मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे जनता में गहरी नाराजगी है। सीएम सैनी ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि असल मुद्दा दरों में वृद्धि का नहीं, बल्कि काले धन के इस्तेमाल को रोकने का है, जो लोग स्टांप ड्यूटी से बचने के लिए अवैध लेन-देन करते हैं। Haryana Government Stamp Duty | cm nayab singh saini
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