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फरीदाबाद के बल्लभगढ़ की विष्णु कॉलोनी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला डॉक्टर की उनके क्लिनिक में निर्मम हत्या कर दी गई। 34 वर्षीय डॉ. प्रियंका का शव उनके क्लिनिक के ऊपर स्थित कमरे में मिला, जहां उन्हें चाकुओं से गोदा गया था। इस चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
हत्या का रहस्य और परिजनों के आरोप
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या के बाद शव लगभग 10 घंटे तक कमरे में पड़ा रहा, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब रात को परिवार के लोग क्लिनिक पहुंचे, तो कमरे में खून से लथपथ शव देखकर उनके होश उड़ गए। परिजनों ने इस हत्या के लिए प्रियंका के पति भगत सिंह और देवर लख्मीचंद को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि प्रियंका को लगातार धमकियां मिल रही थीं और उनके पति ने कहा था, "एक हत्या करूं या दो, सजा तो उतनी ही मिलेगी."
पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल
परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि प्रियंका को कई दिनों से धमकियां मिल रही थीं, जिसकी शिकायत आदर्श नगर थाने में पहले ही दर्ज कराई गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने प्रियंका के क्लिनिक पर जाकर डायल 112 पर फोन किया, तो पुलिस टीम ने बिना ऊपर देखे ही कह दिया कि प्रियंका वहां नहीं हैं।
पारिवारिक विवाद और हत्या की साजिश
प्रियंका की शादी 2010 में हुई थी, लेकिन पारिवारिक विवाद के चलते वह पिछले चार साल से बल्लभगढ़ में किराए के मकान में रहकर अपना क्लिनिक चला रही थीं। परिजनों का आरोप है कि प्रियंका की हत्या पूरी योजना के तहत की गई। हत्या से एक दिन पहले ही प्रियंका की सास और देवर क्लिनिक पर आए थे और उनके दोनों बच्चों को जबरदस्ती अपने साथ ले गए थे। इस दौरान प्रियंका के साथ मारपीट भी की गई, जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी।
पुलिस जांच और स्थानीय लोगों में दहशत
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है। इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्लिनिक के आसपास दुकानें हैं, लेकिन किसी को हत्या की भनक तक नहीं लगी।