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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची को गुरुवार को एक नया उपहार मिला। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक तक बने 2.34 किमी लंबे फोरलेन फ्लाईओवर, एलिवेटेड पथ और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने फ्लाईओवर का नाम इस राज्य के अग्रणी मार्गदर्शक रहे कार्तिक उरांव के नाम पर रखने की भी घोषणा की। इस फ्लाईओवर को झारखंड की राजधानी के लिए एक नया मील का पत्थर माना जा रहा है।
बेहतर तकनीक का इस्तेमाल हुआ है
केबल-स्टे डिजाइन पर आधारित इस फ्लाईओवर में 132 मीटर का स्टील स्ट्रक्चर शामिल है। भारत में पहली बार रेलवे लाइन के ऊपर बोरोपाइलिंग तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह तकनीक संरचना को अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाता है। राजेंद्र चौक से सुजाता चौक के बीच यातायात को जोड़ते हुए यह फ्लाईओवर करीब 40 प्रतिशत यातायात डायवर्जन सुनिश्चित करेगा। इससे रांची के निवासियों का समय बचेगा और आवागमन सुविधाजनक होगा।
कुल 51 भवनों को स्थानांतरित किया गया
इस परियोजना में कुल 51 भवनों को स्थानांतरित किया गया। साथ ही बिजली के पोल, पाइपलाइन, कब्रिस्तान और मंदिर आदि को भी सावधानीपूर्वक हटाने के बाद निर्माण पूरा किया गया। इस परियोजना को रांची, कोलकाता, लखनऊ और बंगलुरु स्थित रेलवे सुरक्षा आयुक्तों से मंजूरी लेनी पड़ी।
सरना स्थल को लेकर विवाद, एक हिस्सा घटना पड़ा
फ्लाईओवर का एक हिस्सा सरना स्थल के निकट से गुजरता है। आदिवासी संगठनों ने इसे धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण बताते हुए आपत्ति जताई है। सरकार ने इस पर संवेदनशील रुख अपनाते हुए 131 मीटर के हिस्से को घटाकर 84 मीटर कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, रांची वासियों के लिए उपयोगी सौगात है
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि यह फ्लाईओवर रांची वासियों के लिए एक उपयोगी सौगात है। इससे न केवल शहर की यातायात व्यवस्था सुलझेगी बल्कि यह रांची के समग्र विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। सिरम टोली-मेकॉन फ्लाईओवर निस्संदेह रांची के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।