Advertisment

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: दिल्‍ली से केंद्रीय राज्‍यमंत्री मार्गेरिटा ने पहले जत्‍थे को हरी झंडी दिखाई

पांच वर्ष बाद बहाल हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला जत्‍था शुक्रवार को रवाना हो गया। विदेश एवं कपड़ा राज्य मंत्री पवित्रा मार्गेरिटा ने जत्‍थे को हरी झंडी दिखाई। मंत्री ने यात्रियों को उनके चयन पर बधाई दी और सुरक्षित एवं सुखद यात्रा की कामना की।

author-image
Narendra Aniket
the first batch of Kailash Manasarovar Yatra, 2025
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 का पहला जत्‍था नई दिल्‍ली में शुक्रवार को रवाना हो गया। विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने हरी झंडी दिखाने के लिए आयोजित समारोह में भाग लिया। यात्रा को फिर से शुरू करने में सहयोग के लिए चीनी पक्ष की सराहना भी की।

पहले जत्‍थे को हरी झंडी दिखाकर गौरवांन्वित महसूस कर रहा हूं

केंद्रीय मंत्री ने एक्‍स पर पोस्‍ट में कहा है, 'केएमवाई 2025 के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर गौरवांन्वित महसूस कर रहा हूं। एक पवित्र यात्रा जो सीमाओं के पार भारत के जीवंत सभ्यतागत संबंधों का प्रमाण है। सभी यात्रियों को सुरक्षित और संतुष्टिदायक यात्रा की शुभकामनाएं। कम समय में केएमवाई 2025 को साकार करने की दिशा में निर्बाध समन्वय के लिए विदेश मंत्रालय, राज्य सरकारों, आईटीबीपी और सभी एजेंसियों का आभार।'

हिंदुओं ही नहीं, जैनियों और बौद्धों के लिए भी है महत्‍वपूर्ण

अपने धार्मिक मूल्य, सांस्कृतिक महत्व, भौतिक सुंदरता और रोमांचक प्राकृतिक वातावरण के लिए जाना जाने वाला कैलाश मानसरोवर तक होने वाली यात्रा में प्रति वर्ष कई लोग शामिल होते हैं। कैलाश मानसरोवर केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि जैनियों और बौद्धों के लिए धार्मिक महत्व रखता है।

हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित की जाती है यात्रा

भारत सरकार हर साल जून से सितंबर के बीच उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला दर्रा (2015 से) के दो आधिकारिक मार्गों के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती है। एक भारतीय नागरिक, जिसके पास वैध भारतीय पासपोर्ट है और जिसकी आयु यात्रा वर्ष की 1 जनवरी को 18 से 70 वर्ष के बीच है, वह यात्रा के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है।

इस वर्ष 5,561 लोगों ने किया था आवेदन

Advertisment

विदेश मंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी एक बयान के अनुसार, इस वर्ष 5,561 आवेदकों ने सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकरण कराया था, जिसमें 4,024 पुरुष आवेदक और 1,537 महिला आवेदक शामिल थीं।

पांच जत्‍था लिपुलेख से और नाथू ला मार्ग से 10 जत्‍था

कुल 750 चयनित यात्री लिपुलेख मार्ग से 50 यात्रियों के 5 बैचों में और नाथू ला मार्ग से 50 यात्रियों के 10 बैचों में यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने मई में बयान में कहा था कि दोनों मार्ग अब पूरी तरह से मोटर योग्य हैं और इनमें बहुत कम ट्रैकिंग शामिल है।

कोरोना के बाद से बंद रही यात्रा

कोविड-19 प्रकोप और उसके बाद चीनी पक्ष द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं का नवीनीकरण न किए जाने के बाद 2020 से यात्रा बंद रही। भारतीय पक्ष ने अपने राजनयिक संपर्कों में चीनी पक्ष के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया था।

दुनिया की सबसे ऊंची मीठे पानी की झीलों में से एक

Advertisment

'मानसरोवर झील समुद्र तल से 4,590 मीटर (15,060 फीट) ऊपर स्थित है और यह दुनिया की सबसे ऊंची मीठे पानी की झीलों में से एक है। हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, मानसरोवर झील का पानी पीने से पिछले सौ जन्मों के सभी पाप धुल जाते हैं। 

Advertisment
Advertisment