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अब नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी, Delhi Government ने पास किया शुल्क विनियमन विधेयक

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में पारित ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025’ का उद्देश्य निजी स्कूलों में फीस नियंत्रण के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार राजधानी के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और हाल ही में विधानसभा में पारित नया विधेयक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025’ निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाएगा।

शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने के लिए उठाए कदम 

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम गुप्ता ने बताया कि राजधानी में 1,733 निजी स्कूल हैं, जिनमें से लगभग 300 स्कूलों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से रियायती दरों पर भूमि आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक इन स्कूलों को अधिक उत्तरदायी बनाएगा और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों के लिए शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाएगा।

नियमों का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि नए कानून के तहत शिक्षा निदेशक को उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDM) के समान अधिकार प्राप्त होंगे, जिससे वे नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर सकेंगे। इन कार्रवाइयों में बैंक खातों पर रोक लगाने से लेकर संपत्ति कुर्क करने तक के अधिकार शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा क्षेत्र में समानता और पारदर्शिता लाना है, ताकि निजी स्कूलों की फीस नीति अधिक न्यायसंगत बन सके और अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।

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