केंद्रीय और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ सातवें दौर की वार्ता में भी कोई सुलह समझौता न होने के बाद पंजाब पुलिस ने
किसानों से पंजाब- हरियाणा बॉर्डर खाली करा लिया। आज से पंजाब और हरियाणा के बीच वाहनों की आवाजाही सामान्य होने की उम्मीद है, हाईवे को खोला जा रहा है। पंजाब पुलिस ने बुधवार देर रात तक शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसानों द्वारा लगाए गए तंबू और ढांचे खाली कराने के साथ बुलडोजर से हटा दिए। किसान एक साल से अधिक समय से धरने पर बैठे थे।
किसानों की आगे की रणनीति पर नजर
अब यह देखना होगा कि किसान आगे क्या रणनीति अपनाते हैं। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत के अनुसार, सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया था। देर रात जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर स्थित पिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पंजाब सरकार का बुलडोजर एक्शन
भगवंत मान सरकार ने केंद्र सरकार के साथ
किसानों की बैठक के दौरान ही धरना स्थलों पर बुलडोजर चलवा दिया। पिछले 13 महीनों से चल रहे धरनों को हटाने के लिए यह सुनियोजित कार्रवाई की गई। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद पुलिस ने चार माह से अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से किसानों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे पुलिस और किसानों में धक्का-मुक्की हुई।
किसानों ने हाईवे खोलने से कर दिया था इंकार
बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल और किसान प्रतिनिधियों की बैठक में पंजाब सरकार ने किसानों से हाईवे खोलने की अपील की थी, ताकि आम लोगों को हो रही परेशानी कम हो सके। किसानों ने सरकार की इस मांग को मानने से इंकार कर दिया। प्रशासन ने एक ओर का रास्ता खोलने का प्रस्ताव रखा, लेकिन किसानों ने यह बात भी नहीं मानी, इसके बाद सरकार ने सख्ती का मन बना लिया।
किसानों की घर वापसी
पुलिस कार्रवाई की आशंका के चलते धरने पर बैठे कई
किसान सुबह ही ट्रैक्टर-ट्रालियों में अपना सामान भरकर घर लौट गए। बैठक के बाद चंडीगढ़ से लौटते किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही रोकना शुरू कर दिया।ढांचे हटाने का काम देर रात तक चला। जो किसान और महिलाएं स्वेच्छा से नहीं हटे, उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने बुलडोजर मंगवाकर किसानों के मंच, ट्यूबलाइट, पंखे और खाने-पीने के लिए बनाए गए ढांचे गिरा दिए। खनौरी सीमा रात 8 बजे तक खाली कर दी गई, जबकि शंभू सीमा पर कार्रवाई देर रात तक जारी रही।
रास्ता बंद होने से हो रही थी परेशानी
किसानों ने 13 फरवरी 2024 को शंभू और खनौरी बार्डर पर धरना शुरू किया था, जिसके चलते हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया था। इससे आम लोगों और उद्योग-धंधों को भारी परेशानी हो रही थी। केंद्र और पंजाब सरकार की संयुक्त योजना के तहत यह कार्रवाई की गई।