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Bijnor News: बेटी की शादी के कर्ज ने ली तीन जिंदगियां, पिता की हालत नाजुक

बिजनौर के टंढेरा गांव में बेटी की शादी के लिए लिए गए कर्ज ने मजदूर परिवार की तीन जिंदगियां लील लीं। जानें दर्दनाक घटना का पूरा विवरण, कर्ज की वजह, प्रशासन की कार्रवाई और जांच की स्थिति।

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Dhiraj Dhillon
bijnor suicaide case

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Suicide case:पंचकूला में एक माह पूर्व एक ही परिवार के सात लोगों ने बागेश्वर धाम से लौटते हुए सामुहिक आत्महत्या कर ली थी, उस घटना में सात लोगों की जान गई थी, ठीक एक माह बाद ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई है, दोनों मामलों की वजट कर्ज ही बना। बिजनौर में गरीब मजूदर परिवार की तीन जिंदगियां चली गईं। बेटी की शादी के लिए लिया गया कर्ज गरीब भट्ठा मजदूर परिवार पर कहर बनकर टूटा। गांव टंढेरा निवासी पुखराज, उसकी पत्नी और दो बेटियों ने जहर खा लिया। पत्नी रमेशिया (50), बेटियां अनीता उर्फ नीतू (21) और शीतू (18) की मौत हो चुकी है, जबकि पुखराज की हालत गंभीर बनी हुई है।

जहर खाने के बाद मची चीख-पुकार, तीन की मौत

गुरुवार सुबह करीब 8 बजे पुखराज और उसके परिवार ने जहर खा लिया। झोपड़ी से बाहर निकलते ही पड़ोसियों ने शोर सुना और ग्राम प्रधान रईस अहमद ने पुलिस को सूचना दी। सभी को पहले नूरपुर सीएचसी, फिर बिजनौर मेडिकल कॉलेज और बाद में मेरठ रेफर किया गया। रमेशिया और अनीता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि शीतू ने मेरठ में दम तोड़ा।
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Photograph: (Google)

कर्ज की रकम 1.25 लाख से बढ़कर हो गई थी 6 लाख

चार साल पहले पुखराज ने बेटी की शादी के लिए 1.25 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो अब बढ़कर लगभग 6 लाख रुपये हो गया था। इसमें गांव के साहूकार और दो फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं। हर महीने किस्त चुकाना भारी पड़ रहा था। 25 जून को किस्त जमा नहीं कर पाने की वजह से पुखराज ने यह आत्मघाती कदम उठाया

स्वाभिमान फाइनेंस कंपनी से लिया था लोन, एजेंट करता था तकादा

रिपोर्ट के मुताबिक, रमेशिया ने चांदपुर की स्वाभिमान एजेंसी से ₹50,000 का लोन लिया था, जिसकी 24 मासिक किस्तों में भुगतान होना था। 16 किस्तें भरने के बाद 17वीं किस्त 15 जून को देनी थी, जो नहीं दी जा सकी। पुखराज ने रिकवरी एजेंट को 25 जून तक किस्त देने का वादा किया था, लेकिन तब तक पैसे का इंतज़ाम नहीं हो सका।
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गरीबी की मार: दो बीघा जमीन भी पहले ही बेच चुके थे

पुखराज की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय थी। पुश्तैनी जमीन पहले ही बिक चुकी थी। परिवार तिरपाल की झोंपड़ी में रहता था। पुखराज खुद घोड़ा-बुग्गी चलाता था और उसका बेटा सचिन भी मजदूरी करता है। परिवार के खर्च और कर्ज की अदायगी एक साथ संभालना उनके लिए असंभव हो गया था।

पिता-पुत्र में दो दिनों से झगड़ा, तनाव ने तोड़ा परिवार

कर्ज की अदायगी को लेकर पिता-पुत्र में लगातार दो दिन तक झगड़ा होता रहा। बेटा सचिन ने भी एक साहूकार के पास बाइक गिरवी रखकर 25,000 रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन घर में पैसे नहीं देता था। इसी तनाव में पुखराज ने गुरुवार को यह खौफनाक कदम उठाया।

जांच शुरू, प्रशासन सख्त: डीएम और एसपी ने दिए बयान

एसपी अभिषेक झा ने बताया कि तीन मौतें हुई हैं और मामले की जांच की जा रही है। वहीं, डीएम जसजीत कौर ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि कर्ज किसने दिया, कैसे वसूली की जा रही थी, और क्या परिवारिक कलह भी इसके पीछे कारण थी।
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