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उत्तर प्रदेश, वाईबीएन डेस्क | पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की अस्थियां प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर लाई गईं। उनकी पत्नी ऐशान्या और भाई सौरभ समेत परिवार ने विसर्जन से पहले वीआईपी घाट पर अनुष्ठान किए। बता दें, पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। अब इस आंतंकी की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इसी हमले के बाद से भारत -पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति कायम है।
Uttar Pradesh: The ashes of Shubham Dwivedi, killed in the Pahalgam terror attack, were brought to Triveni Sangam in Prayagraj. His family, including wife Aishanya and brother Saurabh, performed rituals at the VIP ghat before immersion pic.twitter.com/h5lJt75XiU
— IANS (@ians_india) May 3, 2025
सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं ...
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने कहा, "अभी तक सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, हमें कोई वास्तविक न्याय नहीं मिलेगा"। वहीं शुभम द्विवेदी के भाई सौरभ द्विवेदी ने कहा, "सरकार से हमारी दो मांगें हैं पहली, मेरे भाई को शहीद का दर्जा दिया जाए, जिसकी हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं और दूसरी, आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए"
Prayagraj, Uttar Pradesh: Saurabh Dwivedi, brother of Shubham Dwivedi, killed in the Pahalgam terror attack says, "We have two demands from the government: first, that my brother be granted martyr status, which we have been requesting for a long time, and second, that strict… pic.twitter.com/MpGUQwa1w4
— IANS (@ians_india) May 3, 2025
Prayagraj, Uttar Pradesh: Aishanya Dwivedi, wife of Shubham Dwivedi, killed in the Pahalgam terror attack says, "Until now, no action has been taken by the government. Until terrorism is eradicated, we will not get any real justice..." pic.twitter.com/TrOlkYWdxi
— IANS (@ians_india) May 3, 2025
आतंकी हमले में कानपुर के व्यापारी शुभम द्विवेदी की हुई थी हत्या
कश्मीर में छुट्टियां मना रहे कानपुर के सीमेंट व्यापारी शुभम द्विवेदी की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी। 12 फरवरी को शादी के बंधन में बंधे शुभम की महज दो महीने बाद उनकी जिंदगी इस तरह खत्म हो गई। शुभम अपने माता-पिता, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 16 अप्रैल को कश्मीर पहुंचे थे। 23 अप्रैल तक की बुकिंग थी, लेकिन इससे पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया। शुभम के चाचा मनोद द्विवेदी ने बताया कि सोमवार दोपहर शुभम घुड़सवारी करने के लिए निकले थे, तभी आतंकियों ने उन्हें घेर लिया। परिवार का दावा है कि हमलावरों ने शुभम से पहले उनका धर्म पूछा और फिर कलमा पढ़ने को कहा। जब शुभम ऐसा नहीं कर पाए, तो आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।