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Mumbai train blast case: में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पीड़ितों ने किया स्‍वागत, दोषियों को सख्‍त सजा की मांग

मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें 12 आरोपियों को बरी किया गया था। हालांकि, आरोपियों को दोबारा हिरासत में लेने का आदेश नहीं दिया गया है।

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Ranjana Sharma
QR कोड से लेकर लाइसेंस तक... सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने बदल दी कांवड़ यात्रा की तस्वीर! | यंग भारत न्यूज

QR कोड से लेकर लाइसेंस तक... सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने बदल दी कांवड़ यात्रा की तस्वीर! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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मुंबई, आईएएनएस: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में 12 आरोपियों को बरी करने से जुड़े बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की रिहाई पर रोक नहीं है और उनको दोबारा जेल नहीं भेजा जाएगा। कोर्ट ने इसी के साथ आरोपियों को नोटिस भी जारी किया है। मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले के पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के फैसले पर रोक का स्‍वागत किया और दोषियों को सख्‍त सजा की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना

पीड़ित राधेश्याम दुबे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने के फैसले की सराहना करता हूं। हम हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोक लगाए जाने के लिए एससी का धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को न्याय प्रणाली में बदलाव करना चाहिए। 19 साल बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में आया है, न्याय प्रणाली मजाक बनकर रह गई है। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करना चाहता हूं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्णय पूरी पारदर्शिता के साथ हो, निर्दोष को बरी किया जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।

बरी रहने पर आरोपी साक्ष्‍य के साथ कर सकते हैं छेड़छाड़ 

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पीड़ित लालजी पांडे ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं और यह भी अनुरोध करता हूं कि मामले के हर पहलू पर गहन विचार करने के बाद कानून के अनुसार सख्ती से निर्णय लिया जाए, यह वास्तव में सराहनीय होगा। क्‍योंकि ज्‍यादातर केस में हाई कोर्ट के फैसले के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट में फैसले लिए जाते हैं। लोअर कोर्ट में प्रस्‍तुत साक्ष्‍य के आधार पर जज ने आरोपियों को सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट को मामले में स्‍टे लगाने के साथ ही जेल की सजा बरकरार रखनी थी। बरी रहने पर आरोपी साक्ष्‍य के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। न्यायपालिका से उम्‍मीद है कि पीड़ितों को न्‍याय मिलेगा।

पीड़ित  ने सुनाई आप बीती 

एक अन्‍य पीड़ित महेंद्र पिताले ने बताया कि बम विस्फोट में मेरा एक हाथ कट गया था। उसके बाद, मैं किसी तरह हिम्मत जुटा पाया, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला मेरे लिए एक गहरा सदमा था। हाई कोर्ट से आए फैसले के समय मुझे बहुत दर्द हुआ। अब थोड़ी राहत है कि शायद असली दोषियों को आखिरकार न्याय के कटघरे में लाया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मन को शांति मिली है, क्या पता सही दोषी को जल्द सजा मिल सकेगी। अगर बेगुनाह बरी हो रहे हैं तो अच्‍छी बात है, लेकिन दोषी को जल्‍द से जल्‍द सजा होनी चाहिए। मेरी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अपील है कि इस तरह के हादसे दोबारा न हों और दोषियों को सजा मिले इसके लिए सख्‍त कानून बनाएं। Mumbai Train Blast 2006
Mumbai Train Blast 2006
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