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Artificial intelligence से 80 फीसदी से अधिक वैज्ञानिक नाखुश

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से काम करने वाले वैज्ञानकिों ने अपने काम से असंतुष्टि जताई है और वे खुश नहीं हैं। अमेरिका में किए गए एक वैज्ञानिक शोध में ये दावा किया गया है।

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Suraj Kumar
एडिट
AI

Photograph: (google)

नई दिल्‍ली, बाईबीएन नेटवर्क। 

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने तकनीक की दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। इसने काम करने के तरीकों को बेहद आसान बना दिया है। एआई के जरिए उत्‍पादकता में तो वृद्धि हुुई है लेकिन 80 फीसदी से अधिक एआई वैज्ञानिक इस तकनीक से नाखुश हैं। अमेरिका के एक संस्‍थान में एक हजार से अधिक वैज्ञानिकों पर किए शोध में ऐसा दावा किया गया है।

प्रोडक्टिविटी तो बढ़ी, लेकिन...

रिपोर्ट के मुताबिक एआई के माध्‍यम से 17 फीसदी उत्‍पादकता बढी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एआई के आने से हमारी कलात्‍मकता में कमी आई है। हम कुछ नया नहीं सोच पा रहे हैं और हमें हमारे काम से संतुष्टि नहीं मिल रही है। वहीं उनमें से एक तिहाई वैज्ञानिकों ने कहा कि एआई  से काम को अधिक गुणवत्‍ता के साथ करने में मदद मिलती है।

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एआई से मिलते हैं नए आइडिया

प्रमुख शोधकर्ता ऐडन टोनर ने कहा कि एआई के जरिए नए आइडिया जनरेट करने में काफी मदद मिली है और इसने डिस्कवरी और इनोवेशन के क्षेत्र को गति प्रदान की है। एआई का इस्‍तेमाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हर क्षेत्र मेंं इसका उपयोग बहुतायत रूप में किया जा रहा है। अनेक एआई कम्‍पनी नई तकनीक को अविष्‍कार कर रही हैं। इसने मानव का जीवन बहुत ही आसान बना दिया है और इस पर निर्भरता काफी हद तक बढ़  गई है।

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