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Delhi Cloud Seeding : दिल्ली में क्लाउड सीडिंग फ्लॉप! दूसरे ट्रायल पर नहीं हुई बारिश, आप का हमला

क्लाउड सीडिंग का एक और ट्रायल पूरा किया गया, जो पूरी तरह फ्लॉप शो साबित हुआ और राज्य की भाजपा सरकार का यह प्रयोग सवालों के घेरे में हैं। इतना समय बीत जाने पर भी दिल्ली में बारिश नहीं हुई। आप ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

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Mukesh Pandit
Cloud Seading in delhi

दिल्ली में क्लाउड सीडिंग फ्लॉप! दूसरे ट्रायल पर नहीं हुई बारिश।

नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को क्लाउड सीडिंग का एक और ट्रायल पूरा किया गया, जो पूरी तरह फ्लॉप शो साबित हुआ और राज्य की भाजपा सरकार का यह प्रयोग सवालों के घेरे में हैं। इतना समय बीत जाने पर भी दिल्ली में बारिश नहीं हुई। उधर, आम आदमी पार्टी ने क्लाइड सीडिंग को लेकर रेखा गुप्त सरकार पर निशाना साधा है और इसे आर्टिफिशियल रेन के नाम पर फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी बताया है। दिल्ली सरकर की आधिकारिक रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी गई है कि अनुमानित नमी की मात्रा 10 से 15 प्रतिशत कम थी, जो कृत्रिम वर्षा के लिए उपयुक्त नहीं है।

क्लाउड सीडिंग को लेकर सरकार ने किए थे लंबे-चौड़े दावे

बता दें कि इन ट्रायल्स की सफलता के आधार पर दावा किया गया था कि क्लाउड सीडिंग का प्रयोग करके मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में व्यापक रूप से दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए किया जाएगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सके। इसके लिए सेसना एयरक्राफ्ट ने मेरठ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी और अलग-अलग क्षेत्रों में क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स छोड़े गए। आईआईटी कानपुर की टीम ने इन सिलसिलेवार ढंग से किए गए प्रयोगों के अच्छे परिणाम की उम्मीद जताई थी, लेकिन इनका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।  

'कृत्रिम बारिश' धोखाधड़ी, आप का आरोप

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सरकार की क्लाउड सीडिंग ट्रायल्स को प्रचार का एक और अभियान बताते हुए जनता की कमाई को गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सौरभ भारद्वाज ने कहा 'कृत्रिम बारिश' धोखाधड़ी, भाजपा सरकार इंद्रदेव का श्रेय लेना चाहती है: सौरभ भारद्वाज। ​​आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की भाजपा सरकार के क्लाउड सीडिंग प्रयोग को "बड़ा धोखा" करार दिया और कहा कि अगर वास्तव में बारिश होती है तो यह (हिंदू वर्षा देवता) भगवान इंद्रदेव का श्रेय लेने की कोशिश कर सकती है।

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_Manjinder Singh Sirsa (2)

सरकार ने कहा, मौसम ने साथ नहीं दिया

इस बीच सरकार की ओर से एक आधिकारिक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें  कहा गया है कि अनुमानित नमी की मात्रा 10 से 15 प्रतिशत कम थी, जो कृत्रिम वर्षा के लिए उपयुक्त नहीं है। साथ ही दाव किया गया है कि कृत्रिम वर्षा परीक्षण के जरिये नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बारिश कराई गई, लेकिन जानकरों का कहना है कि दोनों शहरों में कोई बारिश नहीं हुई।  दिल्ली सरकार की रिपोर्ट। आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में कृत्रिम वर्षा परीक्षण वाले इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाले महीन कण को कम करने में मदद मिली । 

 रिपोर्ट में कहा गया है कि दो बार बारिश दर्ज की गई। इसके तहत नोएडा में शाम चार बजे 0.1 मिमी बारिश और ग्रेटर नोएडा में शाम 4 बजे 0.2 मिमी दर्ज हुई। आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) निगरानी के लिए 20 स्थानों से विशेष रूप से अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 को लेकर आंकड़े एकत्र किए गए जो कृत्रिम वर्षा से सीधे प्रभावित होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है, "कृत्रिम बारिश से पहले मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में पीएम 2.5 का स्तर क्रमशः 221, 230 और 229 था, जो पहले परीक्षण के बाद घटकर क्रमशः 207, 206 और 203 रह गया। 

क्या बोले दिल्ली की पर्यावरण मंत्री

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि  दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का दूसरा ट्रायल किया गया। इसके लिए सेसना एयरक्राफ्ट ने कानपुर से उड़ान भरी और खेकरा, बुराड़ी, नार्थ करोल बाग, मयूर विहार, सड़कपुर और भोजपुर से होते हुए मेरठ एयरपोर्ट पर लैंड किया। इस दौरान आतिशबाजी तकनीक का उपयोग करते हुए 8 क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स छोड़े। सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं। क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है।

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है।: delhi ncr pollution | air pollution delhi | air pollution effects | air pollution in delhi | air pollution in delhi solution | delhi air pollution

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