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दिल्ली-एनसीआर में GRAP-1: निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, कूड़ा-कचरा जलाने पर होगी कारवाई

दिवाली के करीब आते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर बिगड़ गई है। वायु गुणवत्ता बिगड़ने पर सरकार ने Graded Response Action Plan Stage-1 लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत  निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा।

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Mukesh Pandit
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दिल्ली में छाई धुंध और धूल।.फाइल फोटो

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिवाली के करीब आते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर बिगड़ गई है। वायु गुणवत्ता बिगड़ने पर सरकार ने GRAP-1 (Graded Response Action Plan Stage-1) लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत  निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, औद्योगिक उत्सर्जन की निगरानी और बाहरी गतिविधियों को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसलिए ध्यान रहे, कुछ छोटी-छोटी लापरवाहियां अब महंगी पड़ सकती हैं और जरूरत पड़ी तो पुलिस भी सख्त कदम उठा सकती है। सबसे पहले घर पर खुले में कचरा या पत्तियां जलाना पूरी तरह बंद कर दें, खुले में जलाने से तेजी से प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे मामलों में प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर रहा है।

क्या रहेंगी ग्रैप के पहले चरण में पाबंदियां?

ग्रैप के पहले चरण के तहत कुछ खास पाबंदियां नहीं होंगी, लेकिन निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, औद्योगिक उत्सर्जन की निगरानी और बाहरी गतिविधियों को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-1 के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपाय तब लागू रहेंगे, जब तक एक्यआई 201 से 300 अंक के बीच यानी 'खराब' दर्ज होगा। AQI का स्तर इससे अधिक बढ़ने पर ग्रैप के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू की जाएंगी।

क्या है ग्रैप?

दिल्ली एनसीआर में जब AQI 200 के पार जाता है, तब ग्रैप लागू किया जाता है। यह 4 चरणों में लागू किया जाता है। इसके अंतगर्त सर्दियों में प्रदूषण कम करने के लिए धूल को कम करना, प्रतिबंध लगाना, कचरा निस्तारण, सड़कों की साफ-सफाई से प्रदूषण को कम किया जाता है। 0-50 AQI को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 200-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब' तथा 401-500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है।

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घर की मरम्मत या निर्माण के वक्त रखें ये सावधानी

घर की मरम्मत या पेंटिंग जैसी गतिविधियों पर भी धूल नियंत्रण की जरूरत है। निर्माण स्थल को ढक कर रखें और पानी छिड़काव रखें। वाहनों के मामले में वाहन चलते छोड़कर खड़े न रहें और PUC अपडेट रखें। सड़क पर काले धुएं निकलती गाड़ियां तुरंत पकड़ी जा रही हैं और पुराने अत्यधिक प्रदूषित वाहनों पर चालान या जब्ती तक हो सकती है। साथ ही ग्रैप-1 के दौरान गैर-जरूरी भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लग सकती है, इसलिए सीमा पोस्टों पर चेकिंग और जुर्माने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।  डीजल कमर्शियल वाहनों पर शिकंजा कसा जा सकता है।

इन गलतियों में दर्ज हो सकती है रिपोर्ट

ग्रैप-1 के लागू होते ही दिल्ली सरकार, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली प्रदूषण नियंक्षण बोर्ड सब एक्शन मोड में आ जाते हैं। इसका मतलब है कि अब सड़क, मार्केट, और कॉलोनियों में मॉनिटरिंग टीम लगातार गश्त करती रहती है। कहीं धूल दिखी, कचरा जला, या कोई पुराना डीजल वाहन पकड़ा गया तो तुरंत चालान और रिपोर्ट दर्ज होती है। आखिर में, यह सिर्फ नियम का उल्लंघन नहीं स्वास्थ्य का मसला भी है। संवेदनशील समूह जैसे बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा/फेफड़े के मरीज बाहर कम निकलें और जरूरत पड़े तो N95/KN95 मास्क का प्रयोग करें। Delhi Pollution | Delhi Pollution Latest | delhi pollution news | delhi pollution today

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