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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।सैन्य साजो सामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ाते भारत से एक अच्छी खबर मिली है। भारतीय वायुसेना का और सशक्त बनाने के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से करीब 120 तेजस Mk2 लड़ाकू विमानों के निर्माण का समझौता किया है। HAL ने साफ किया है कि कंपनी हर साल 30 फाइटर जेट वायुसेना को सौंपेगी, जिससे पुराने मिग-29,मिराज-2000 और जगुआर विमानों की जगह समय पर भरी जा सकेगी। अनुमान है कि भारतीय वायुसेना का अंतिम ऑर्डर 200 से ज्यादा विमानों का हो सकता है। इसे भारत के सैन्य आधुनिकीकरण और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
हर साल कितने तेजस होंगे तैयार?
डिफेंस डॉट इन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार,हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स पहले से ही तेजस Mk1A के लिए तीन असेंबली लाइनें तैयार कर चुका है। इन लाइनों से 2028 तक हर साल 30 विमान बनाए जाएंगे। तेजस Mk2 के लिए HAL ने शुरुआती उत्पादन दर 24 विमान प्रति वर्ष तय की है। इस हिसाब से वायुसेना को 2036 तक 120 विमान मिल जाएंगे। अगर अंतिम ऑर्डर 200 से ज्यादा हुआ, तो HAL अपनी क्षमता बढ़ाकर 30 विमान प्रति वर्ष बनाने लगेगा। इस तरह बड़ी संख्या में विमानों की डिलीवरी समय पर पूरी की जा सकेगी।
पुराने फाइटर प्लेन का स्थान लेगा तेजस Mk2
भारतीय वायुसेना आने वाले सालों में अपने पुराने लड़ाकू विमानों को हटाने जा रही है। इनमें रूस का MiG-29, फ्रांस का Mirage-2000 और एंग्लो-फ्रेंच का Jaguar शामिल है। इनकी कुल संख्या लगभग 230 है। इन विमानों के रिटायर होने के बाद वायुसेना को नए आधुनिक विमानों की जरूरत होगी और इसी जरूरत को पूरा करने के लिए तेजस Mk2 को शामिल किया जाएगा।
क्या है HAL की योजना
भारतीय वायुसेना ने शुरुआती तौर पर 120 तेजस Mk2 का ऑर्डर HAL को दिया है, लेकिन पुराने विमानों की संख्या 230 के करीब है, इसलिए अंतिम ऑर्डर 200 से ज्यादा भी हो सकता है। तेजस Mk2 एक 4.5 पीढ़ी का मध्यम वजन वाला मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है। यह तेजस Mk1A से ज्यादा शक्तिशाली और आधुनिक है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक F414 इंजन लगाया जाएगा, जो इसे और ताकतवर बनाएगा।
इसमें देश में बना Uttam AESA रडार होगा, जिससे निगरानी और लक्ष्य साधने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। यह विमान आधुनिक हथियारों को भी इस्तेमाल कर सकेगा, जिनमें भारत की अपनी लंबी दूरी की अस्त्र (Astra) मिसाइल शामिल है। तेजस Mk2 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह मौजूदा विमानों और भविष्य में बनने वाले पांचवीं पीढ़ी के AMCA विमान के बीच की तकनीकी खाई को भर सके।
इंजन निर्माण में बड़ी साझेदारी
खास बात यह है कि तेजस Mk2 के लिए इंजन भारत में ही बनाए जाएंगे। इसके लिए HAL और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत GE F414 इंजन भारत में ही लाइसेंस उत्पादन के तहत तैयार किए जाएंगे। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कब उड़ेगा पहला तेजस फाइटर जेट?
तेजस Mk2 के विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस फाइटर जेट की पहली उड़ान साल 2027 में होने की संभावना है। इसके बाद इसका सीरियल प्रोडक्शन 2031 से शुरू किया जाएगा। यह योजना भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। HAL Tejas Mk2 order | Indian Air Force | Indian Air Force Action | Indian Air Force news | Indian Air Force Victory | Defence News India