Advertisment

Supreme Court: गंभीर अपराधों के आरोपियों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई 18 मार्च को

Supreme Court 18 मार्च को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें गंभीर अपराधों के आरोपी उम्मीदवारों पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के इस मामले पर सुनवाई करने की उम्मीद है। 

author-image
Mukesh Pandit
SUPREEME COURT NETA
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्ट।

Advertisment

Supreme Court 18 मार्च को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें गंभीर अपराधों के आरोपी उम्मीदवारों पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के इस मामले पर सुनवाई करने की उम्मीद है। सितंबर 2022 में शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर केंद्र और निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से जवाब मांगा था। 

रिट में कहा, चुनाव लड़ने से रोका जाए

Advertisment

इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि आपराधिक मामलों में जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाए। याचिका में शीर्ष अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र और निर्वाचन आयोग को ऐसे उम्मीदवारों पर रोक लगाने का निर्देश दे जिन पर गंभीर अपराधों को लेकर मुकदमा चल रहा है। उपाध्याय ने वकील अश्वनी कुमार दुबे के जरिये यह याचिका दायर की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि विधि आयोगों की सिफारिशों एवं अदालत के पिछले निर्देशों के बाद भी केंद्र एवं निर्वाचन आयोग ने कदम नहीं उठाया। 

539 विजयी प्रत्याशियों में से लगभग 233 पर आपराधिक मामले

Advertisment

याचिका में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के 539 विजयी प्रत्याशियों में से लगभग 233 या 43 प्रतिशत ने आपराधिक मामलों का सामना करने की बात कही है।

गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि 2009 से अबतक गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 109 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें एक सांसद ने अपने खिलाफ 204 आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

इन एक सांसद के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या, घर में जबरन प्रवेश, डकैती, आपराधिक धमकी आदि जैसे मामले दर्ज हैं। याचिका में कहा गया है कि राजनीति के अपराधीकरण के कारण लोगों को बहुत नुकसान हुआ और पार्टियां अब भी गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को खड़ा कर रही हैं।

Advertisment
Advertisment
Advertisment