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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को लीक करना अब गंभीर अपराध माना जाता है। ज्योति मल्होत्रा केस के बहाने जासूसी से जुड़े भारत में क्या नियम कानून है और साथ ही सजा प्रावधान क्या है वह समझते हैं. जानें किन गतिविधियों को जासूसी माना जाता है, किन धाराओं में कार्रवाई होती है, और जांच एजेंसियां कैसे काम करती हैं। पाकिस्तानी के लिए जासूसी करने के आरोप में कम से कम पांच व्यक्तियों को हरियाणा में, छह को पंजाब में और एक को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है। लगभग सभी मामलों में स्थानीय पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी पाकिस्तानी एजेंसियों के संपर्क में थे और उनसे संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं लीक करना गंभीर अपराध
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं को लीक करना अब पहले से कहीं ज्यादा गंभीर अपराध माना जा रहा है। देश में जासूसी को लेकर कानूनी कार्रवाई आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत की जाती है। हाल ही में हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी का आरोप लगा है। उसके बाद उन्हें हिसार में गिरफ्तार कर लिया गया है।
ज्योति साथ कुछ साथियों को गिरफ्तार किया है
मल्होत्रा के साथ उनके कुछ साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे अलग सरकार ने हाल में कई मामलों में सख्ती दिखाते हुए इस दिशा में कड़ा रुख अपनाया है। ऐसे में एक आम सवाल उठता है कि असल में जासूसी के तहत किन गतिविधियों को शामिल किया जाता है। किन एक्शन के आधार पर कोई जासूसी कानून के अंतर्गत आ सकती है। उसके बात उस पर क्या आरोप लगेंगे। Spy Network | Spy Vlogger | jyoti malhotra spy | border area spying | social media spying | spy cases india | Indian Spy Case
क्या होती है जासूसी?
जासूसी का मतलब है भारत की सुरक्षा, सैन्य ठिकानों या गोपनीय दस्तावेजों से जुड़ी जानकारी को अवैध रूप से प्राप्त करना और उसे दुश्मन देश या गैर-अधिकृत व्यक्ति को सौंपना। इसमें साइबर माध्यम से जानकारी चुराना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसपैठ करना या किसी खुफिया संस्था के साथ संपर्क रखना शामिल हो सकता है। क्योंकि यह किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालता है। भारत में जासूसी को एक गंभीर अपराध माना जाता है। मल्होत्रा वाले मामले में आरोप है कि वह पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी कर रही थी। हालांकि फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है और उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
जानें कब लग सकता है जासूसी का आरोप?
- प्रतिबंधित क्षेत्रों में बगैर अनुमति मौजूदगी
- गोपनीय दस्तावेजों या फोटो को इकट्ठा करना
- विदेशी एजेंसियों से संपर्क कर जानकारी साझा करना
- रक्षा या अंतरिक्ष संस्थानों की सूचनाओं को लीक करना
- सरकारी सर्वर या नेटवर्क में सेंध लगाना
- क्या है भारत में जासूसी के नियम-कानून?
सवाल कि इसको लेकर भारत में कानूनी कार्रवाई क्या है
सरकार इस तरह की गतिविधियों पर Official Secrets Act, 1923 और IPC की धाराओं 121, 121A, और 124A के तहत कार्यवाही करती है। हालांकि अब ये तमाम प्रावधान भारतीय न्याय संहिता में शामिल हो गए हैं। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के अंतर्गत भी इसके लिए कानून और सजाए हैं। भारतीय कानून संहिता की धारा 152 के तहत भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को कवर करती है। इसमें जासूसी जैसी गतिविधियां भी शामिल हो सकती हैं। क्योंकि इससे भी देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता पर आंच आ सकती है।
जांच एजेंसियां और उनके नियम-कानून
इन मामलों की जांच केंद्रीय खुफिया एजेंसी (IB), रॉ (RAW), सैन्य खुफिया इकाइयां और साइबर सुरक्षा टीमें करती हैं. गिरफ्तारी के लिए पुख्ता सबूत जरूरी होते हैं. उसी के आधार पर ये तमाम जांच एजेंसियां आरोपी को गिरफ्तार कर सबूत इकठ्ठा करती है. उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता है. अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो तय कानून और धाराओं के अंतर्गत उन्हें सजा दी जाती है. इसको लेकर एक केस डिप्लोमैटिक एक्शन का भी है. अगर जासूस किसी दूसरे देश का है, उस मामले में भारत को कई तरह की डिप्लोमैटिक नियमों का भी पालन करना होता है. कई बार इनको लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत की स्थिति भी बनती है।