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Sitapur News: जब गांव में प​हुंचा बाघ, गांव वालों की थम गईं सांसें

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बाघ की मौजूदगी से मचा हड़कंप, 4 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वन विभाग ने सुरक्षित रेस्क्यू किया। जानें पूरी घटना और विशेषज्ञों की चेतावनी।

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Ajit Kumar Pandey
SITAPUR NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गांव के पास बाघ की मौजूदगी ने सबको डरा दिया। लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। रेस्क्यू टीम घंटों मशक्कत के बाद बाघ को पकड़ पाई। इस घटनाक्रम ने ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ा दी।

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उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक गांव में बाघ की अचानक मौजूदगी से दहशत फैल गई। ग्रामीणों की सूझबूझ और वन विभाग की तेज कार्रवाई से बाघ को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया। इस पूरे ऑपरेशन में करीब चार घंटे लगे, जिसमें ग्रामीणों और वन कर्मियों की जान हथेली पर रही। बाघ को फिलहाल वन्यजीव संरक्षण केंद्र भेजा गया है।

गांव में बाघ की दहशत: 4 घंटे चला ऑपरेशन

सीतापुर जिले के मिश्रिख तहसील क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक विशाल बाघ खेतों की ओर घूमता देखा गया। पहले तो लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन जैसे-जैसे बाघ गांव के और नजदीक आने लगा, डर और दहशत ने पूरे इलाके को घेर लिया।

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वन विभाग की टीम अलर्ट पर आई

बाघ को देखने के बाद ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम विशेष उपकरणों और एक्सपर्ट्स के साथ मौके पर पहुंची। सुरक्षा के लिहाज़ से गांव को खाली करवाया गया और बच्चों व महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

4 घंटे की मेहनत के बाद सफलता

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करीब चार घंटे की मशक्कत, ड्रोन से निगरानी, जाल बिछाना और बाघ को शांत करने वाले इंजेक्शन के बाद वन विभाग की टीम बाघ को सुरक्षित पकड़ने में सफल रही। पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई थी। लोगों ने राहत की सांस ली।

बाघ को भेजा गया सुरक्षित स्थान पर

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रेस्क्यू के बाद बाघ को इलाज और निगरानी के लिए लखनऊ स्थित वन्यजीव संरक्षण केंद्र भेजा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाघ पास के जंगल से भटककर गांव पहुंच गया था। हाल ही में जंगलों में इंसानी दखल और शिकार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे जंगली जानवर आबादी की तरफ आ रहे हैं।

जंगल में इंसानों की घुसपैठ का असर

इस तरह की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास खत्म हो रहा है और उन्हें भोजन की तलाश में इंसानी बस्तियों की ओर आना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने वन विभाग से अपील की है कि जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और बाघ जैसे जानवरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।

क्या आप इससे सहमत हैं? अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं। 

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