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SC में सरपंच का चुनाव, रजिस्ट्रार ने गिने EVMके वोट, हरियाणा के गांव का है विवाद

सुप्रीम कोर्ट ने EVMऔर चुनाव से जुड़ा दूसरा रिकार्ड अपने पास तलब किया। मसला पानीपत के एक गांव का था। इसका नाम बुआना लक्खू है। री काउंटिंग दोनों पक्षों की मौजूदगी में कराई गई। ये जस्टिस सूर्यकांत, दीपंकर दत्ता और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच के आदेश पर हुआ।

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Shailendra Gautam
जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से हलचल, जानें कब मिलेगी राज्य की पहचान? | यंग भारत न्यूज

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।सुनने में अजीब लगता है लेकिन है ये सोलह आने सच। सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने एक सरपंच का चुनाव अपनी निगरानी में कराया। टाप कोर्ट के एक रजिस्ट्रार की मौजूदगी में EVM के वोट गिने गए। सारे प्रोसेस की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। उसके बाद परिणाम सामने आया। जो शख्स चुनाव हार गया था वो सुप्रीम कोर्ट में जीत गया। 

मसला पानीपत के एक गांव का

ये पहली दफा है जब सुप्रीम कोर्ट ने EVMऔर चुनाव से जुड़ा दूसरा रिकार्ड अपने पास तलब किया। मसला पानीपत के एक गांव का था। इसका नाम बुआना लक्खू है। री काउंटिंग दोनों पक्षों की मौजूदगी में कराई गई। ये जस्टिस सूर्यकांत, दीपंकर दत्ता और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच के आदेश पर हुआ। एक रजिस्ट्रार को जिम्मा दिया गया कि वो EVM के वोटों की गिनती करे। कोई शक सुबहा न रहे इसके लिए सारी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। बाद में रिकार्ड सील किया जाए। बुआना लक्खू गांव के सरपंच का चुनाव 2 नवंबर 2022 को हुआ था। चुनाव में काफी ज्यादा खींचतान रही। एक एक वोट हासिल करने के लिए दोनों उम्मीदवारों ने जमकर मशक्कत की। विवाद तब खड़ा हुआ जब पानीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कुलदीप सिंह को विजयी माना।

इंसाफ की तलाश में कोर्ट के पास जा पहुंचा

लेकिन जो उम्मीदवार चुनाव हारा वो संतुष्ट नहीं था। मोहित कुमार को लगता था कि उसके साथ नाइंसाफी हुई। लिहाजा वो इंसाफ की तलाश में कोर्ट के पास जा पहुंचा। उसने एडिशनल सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कम इलेक्शन ट्रिब्यूनल आफ पानीपत के पास अपील दायर की। अप्रैल 2025 में अदालत ने फैसला दिया। जिसमें बूथ नंबर 69 के वोटों की री-काउंटिंग का आदेश दिया गया। 7 मई को वोटों की री-काउंटिंग कराई गई। डिप्टी कमिश्नर को ये जिम्मा दिया गया था कि दोबारा गिनती कराएं। लेकिन ऐसा हो पाता उससे पहले ही पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट ने दखल दे दिया। दरअसल दूसरे पक्ष ने इलेक्शन ट्रिब्यूनल आफ पानीपत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी।

 कोर्ट ने चुनाव से जुड़ा सारा रिकार्ड तलब किया

हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को रोक दिया। लेकिन हारे उम्मीदवार मोहित कुमार को ये फैसला रास नहीं आया तो वो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने फैसला दिया कि केवल एक बूथ की री-काउंटिंग नहीं होगी बल्कि सारे चुनाव की कराई जाएगी। टाप कोर्ट ने चुनाव से जुड़ा सारा रिकार्ड तलब कर लिया। 

मोहित कुमार को 1051 वोट मिले

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बेंच ने अपने फैसले में कहा- इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी पानीपत, हरियाणा को निर्देश दिया जाता है कि वे सभी ईवीएम को इस न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष, 6.08.2025 को सुबह 10 बजे पेश करें। सेक्रेट्री जनरल की तरफ से नामित रजिस्ट्रार न केवल विवादित बूथ के बल्कि सभी बूथों के वोटों की फिर से काउंटिंग करेंगे। इसकी वीडियोग्राफी की जाएगी। याचिकाकर्ता के साथ-साथ प्रतिवादी नंबर 1 या उनके अधिकृत एजेंट पुनर्गणना के समय उपस्थित रहेंगे। ये आदेश 31 जुलाई को दिया। 6 अगस्त को बूथ नंबर 65 से 70 तक के वोटों की फिर से गिनती हुई। जो परिणाम सामने आया उसमें मोहित कुमार को 1051 वोट मिले जबकि जीते उम्मीदवार उनसे 1000 वोट से पीछे रह गए थे। 

मोहित ही बुआना लक्खू गांव के सरपंच

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मोहित ही बुआना लक्खू गांव के सरपंच हैं। डीसी पानीपत को आदेश दिया गया कि वो इस आशय का नोटिफिकेशन तत्काल जारी करें। दोनों पक्षों से कहा गया कि अगर उनका कोई और संशय है तो वो पानीपत के ट्रिब्यूनल के पास जाकर अपनी फरियाद रख सकते हैं। लेकिन ट्रिब्यूनल इस बात को समझ ले कि रजिस्ट्रार की मौजूदगी में हुई री-काउंटिंग अंतिम है। बुआना लक्खू गांव के सरपंच मोहित कुमार हैं और ये अटल सच है। supreme court | Supreme Court hearing | Haryana village news | EVM vote counting 

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