Advertisment

Unacceptable Comment: बंबई हाईकोर्ट की 'अवैध पत्नी', 'वफादार रखैल' जैसी टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त एजराज

Unacceptable Comment:शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में 'महिला विरोधी' शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है और स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह महिला के मौलिक अधिकारों को उल्लंघन है।

author-image
Mukesh Pandit
spreme

Photograph: (File)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

Unacceptable Comment: 'उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर आपत्ति जताई, जिसमें एक महिला के लिए 'अवैध पत्नी' और 'वफादार रखैल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। अदालत ने कहा कि यह उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और 'महिला विरोधी' टिप्पणी है। दरअसल शीर्ष अदालत हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 24 और 25 के उपयोग पर परस्पर विरोधी विचारों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान यह मामला सामने आने पर कोर्ट ने टिप्पणी पर एतराज जताया।

अदालत ने 'आपत्तिजनक भाषा' पर गौर किया

Advertisment

न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पूर्ण पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा इस्तेमाल की गई 'आपत्तिजनक भाषा' पर गौर किया। पीठ ने कहा, 'दुर्भाग्यवश, बंबई उच्च न्यायालय ने 'अवैध पत्नी' जैसे शब्द का इस्तेमाल करने की कोशिश की। हैरानी की बात यह है कि उच्च न्यायालय ने 24वें पैराग्राफ में ऐसी पत्नी को 'वफादार रखैल बताया है।' 

यह भी पढ़ें: CEC और ईसी नियुक्‍त‍ि प्रक्रिया पर 19 फरवरी को होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सरकार को दी चेतावनी

अवैध पत्नी कहना अनुचित

Advertisment

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जिस महिला का विवाह अमान्य घोषित कर दिया गया था, उसे 'अवैध पत्नी' कहना 'बहुत अनुचित' था और इससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंची। शीर्ष अदालत हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 24 और 25 के उपयोग पर परस्पर विरोधी विचारों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। अधिनियम की धारा 24 मुकदमे के लंबित रहने तक भरण-पोषण और कार्यवाही के खर्च से संबंधित है, जबकि धारा 25 में स्थायी गुजारा भत्ता और भरण-पोषण का प्रावधान है। शीर्ष अदालत ने यह भी सलाह दी कि पारिवारिक एवं संवेदनशील मामलों की सुनवाई के दौरान शब्दों और भाषा का भी सोच-विचार करके ही उपयोग में लाया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Akhilesh yadav सनातन के खिलाफ, एक घटना के लिए पूरे महाकुंभ को बदनाम करना गलत : शिवसेना

Advertisment
Advertisment