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World Cancer Day:आईआईटी मद्रास ने अपनी तरह का पहला कैंसर जीनोम डेटाबेस तैयार किया

कैंसर वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण रहा है। हर साल इस रोग के कारण लाखों लोगों की मौत हो जा रही है। वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कैंसर से लगभग 9.6 से 10 मिलियन (96 लाख से एक करोड़) लोगों की मौत हुई है।

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Mukesh Pandit
Zinome

Photograph: (File)

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नई दिल्ली ,वाईबीएन नेटवर्क।

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World Cancer Day 2025: कैंसर वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण रहा है। हर साल इस रोग के कारण लाखों लोगों की मौत हो जा रही है। साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कैंसर से लगभग 9.6 से 10 मिलियन (96 लाख से एक करोड़) लोगों की मौत हुई है। यह कैंसर के कारण हर दिन लगभग 26,300 मौतों के बराबर है। यह आंकड़ा इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

अब इलाज आसान हुआ है

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मेडिकल क्षेत्र में नवाचार और लोगों में बढ़ी जागरुकता के कारण पहले की तुलना में अब समय पर कैंसर का निदान और इलाज जरूर आसान हो गया है। हालांकि अधिकतर लोगों के लिए कैंसर अब भी डर का दूसरा नाम है। कैंसर के जोखिमों के बीच सामने आ रही एक खबर राहत देने वाली है। ब्रिटेन के वैज्ञानिक एक ऐसी वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जो इस घातक बीमारी को एक-दो नहीं बल्कि 20 साल पहले ही रोक सकती है। हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि वैज्ञानिक एक नए 'कैंसर वैक्सीन' के साथ चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता हासिल करने के कगार पर हैं। 

कैंसर जीनोम डेटाबेस बनाया

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इसी क्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने कैंसर पर शोध में मदद के लिए  अपनी तरह का पहला कैंसर जीनोम डेटाबेस जारी किया। आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि के अनुसार, कैंसर के उच्च मामले होने के बावजूद, वैश्विक कैंसर जीनोम अध्ययनों में भारत का प्रतिनिधित्व कम रहा है। भारत में प्रचलित कैंसरों की जीनोमिक संरचना के अभाव में, भारतीय कैंसर के विशिष्ट आनुवंशिक रूपों को किसी भी नैदानिक किट और दवा विकास के लिए पर्याप्त रूप से एकत्रित और सूचीबद्ध नहीं किया जाता। 

 "हम एक और स्वास्थ्य संबंधी डेटा जारी कर रहे हैं, यह इस शैक्षणिक वर्ष का दूसरा डेटा है। मस्तिष्क डेटा के बाद कैंसर जीनोम डेटा। हमें उम्मीद है कि इससे इस घातक बीमारी के कारणों के बारे में गहन जानकारी मिलेगी और समय रहते हस्तक्षेप करके इसे रोकने में मदद मिलेगी।" ,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

डेटा से मिलेगी सटीक जानकारी

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कामकोटि ने कहा, 'भारत में विभिन्न कैंसर के लिए जीनोमिक परिदृश्य में अंतर को भरने के लिए, आईआईटी मद्रास ने 2020 में कैंसर जीनोम कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम के तहत, देशभर में स्तन कैंसर से पीड़ित 480 मरीजों से एकत्र किए गए ऊतक नमूनों में से 960 का संपूर्ण एक्सोम अनुक्रमण पूरा हो गया है।' उन्होंने कहा, "हम एक और स्वास्थ्य संबंधी डेटा जारी कर रहे हैं, यह इस शैक्षणिक वर्ष का दूसरा डेटा है। मस्तिष्क डेटा के बाद कैंसर जीनोम डेटा। हमें उम्मीद है कि इससे इस घातक बीमारी के कारणों के बारे में गहन जानकारी मिलेगी और समय रहते हस्तक्षेप करके इसे रोकने में मदद मिलेगी।" कामकोटि ने बताया कि भारत कैंसर जीनोम एटलस (बीसीजीए) देश में विभिन्न कैंसर के जीनोमिक परिदृश्य में अंतर को भरने का काम करेगा। आईआईटी मद्रास ने मुंबई के कर्किनोस हेल्थकेयर, चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक और कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई के साथ मिलकर डेटा का विश्लेषण किया और भारतीय स्तन कैंसर के नमूनों से आनुवंशिक रूप का अनाम सारांश तैयार किया।

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