Advertisment

Martin Luther King Day : जानिए 62 साल पहले अमेरिका के गांधी, 'मार्टिन लूथर' ने अपने भाषण में क्या कहा था

बता दें डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (15 जनवरी 1929 – 4 अप्रैल 1968) अमेरिका के एक पादरी, आंदोलनकारी (एक्टिविस्ट), एवं अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकारों के संघर्ष के प्रमुख नेता थे...

author-image
Jyoti Yadav
Martin Luther King Day

डेस्क, वाईबीएन नेटवर्क। 

आज पूरा विश्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस मना रहा है। ये हर साल जनवरी के तीसरे सोमवार को मनाया जाता है। इस साल 2025 में यह दिन 20 जनवरी को मनाया जा रहा है। बता दें डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर नस्लीय समानता और अहिंसक प्रतिरोध के लिए विश्व विख्यात हैं। उनके सम्मान में ही मार्टिन लूथर किंग दिवस मनाया जाता है। बता दें मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जन्म 15 जनवरी, 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया में हुआ था। उनका युवाओं के लिए दिया गया एक भाषण i have a dream ( आई हैव ए ड्रीम) काफी चर्चित है। आइए विस्तार से जानते हैं कि मार्टिन लूथर कौन थे और उन्होंने अपने भाषण में युवाओं को क्या संदेश दिया।

इसे भी पढ़ें- Caste Census : 'जातिगत गणना नहीं, क्रेडिट देने से डर लगता है', Rahul Gandhi के बदले मिजाज की वजह कहीं Lalu तो नहीं

कौन थे मार्टिन लूथर 

बता दें डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (15 जनवरी 1929 – 4 अप्रैल 1968) अमेरिका के एक पादरी, आंदोलनकारी (एक्टिविस्ट) एवं अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकारों के संघर्ष के प्रमुख नेता थे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर, अमेरिका के एक प्रमुख नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे। उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है। उनके प्रयत्नों से अमेरिका में नागरिक अधिकारों के क्षेत्र में प्रगति हुई। इसलिये उन्हें आज मानव अधिकारों के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। दो चर्चों ने उनको संत के रूप में भी मान्यता प्रदान की है। 

इसे भी पढ़ें- Delhi Election: केजरीवाल के आवास पर धरना देने पहुंचे कांग्रेस नेता उदित राज गिरफ्तार

Advertisment

'आई हैव ए ड्रीम' में युवाओं को संदेश

साल 1963, में 28 अगस्त को मार्टिन लूथर ने युवाओं को समर्पित भाषण दिया था। जो कि आई हैव ए ड्रीम' नाम से काफी मशहूर हुआ। इसका हिंदी में अर्थ है ' मेरा एक सपना है' । ये एक सार्वजनिक भाषण था, इस भाषण में उन्होंने नागरिक और आर्थिक अधिकारों की वकालत की और अमेरिका में नस्लवाद के खात्मे की मांग की थी। उनका सपना था कि अमेरिका में सभी लोगों का मूल्यांकन उनके व्यक्तिगत गुणों के आधार पर किया जाए, न कि उनकी त्वचा के रंग के आधार पर। अप्रैल, 1968 में एक श्वेत नस्लवादी ने उनकी हत्या कर दी थी।

इसे भी पढ़ें- Delhi Election 2025 : ट्रांसजेंडर उम्मीदवार ने आम आदमी पार्टी पर लगाया आरोप, कहा- आप नेता लगातार मुझे परेशान कर रहे हैं

'आई हैव ए ड्रीम' भाषण का प्रमुख अंश 

इस भाषण में उन्होंने कहा था, आज मेरा एक सपना है कि अलबामा में, जहां क्रूर नस्लवादी हैं, अश्वेत और श्वेत बच्चे एक-दूसरे के हाथ से हाथ मिलाकर साथ रहेंगे।आज से सौ साल पहले अब्राहम लिंकन ने एक आजादी के दस्तावेज पर दस्तखत किए थे।अमेरिका को महान देश बनाने के लिए, नस्लवाद के खात्मे की ज़रूरत है।

Advertisment

Advertisment
Advertisment