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बरेली का एक ऐसा रोड... जहां से आज तक अतिक्रमण नहीं हटवा पाए अफसर

बरेली के जिला अस्पताल रोड पर बरसों से फैले अतिक्रमण को आज तक नगर निगम नहीं हटवा पाया है। कहने को तमाम बार अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए गए मगर सारे अभियान महज खानापूरी साबित हुए। एक तरफ अतिक्रमण हटता गया और दूसरी तरह लगता गया।

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KP Singh
अतिक्रमण जिला अस्पताल रोड
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली के जिला अस्पताल रोड पर बरसों से फैले अतिक्रमण को आज तक नगर निगम नहीं हटवा पाया है। कहने को तमाम बार अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए गए मगर सारे अभियान महज खानापूरी साबित हुए। एक तरफ अतिक्रमण हटता गया और दूसरी तरह लगता गया। हाल ही में जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम रविंद्र कुमार की गाड़ी जब अतिक्रमण की वजह से फंसी तो उन्होंने नगर आयुक्त को फोन कर अतिक्रमण हटवाने को कहा। इसके बाद टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची लेकिन टीम के जाने के बाद हालात फिर जस के तस हो गए।

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जिला अस्पताल रोड पर कोतवाली से लेकर कोहाड़पीर तक लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कराया गया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि फ्लाईओवर बनने के बाद इस रोड पर जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी लेकिन फ्लाईओवर बनने के बाद पुल के नीचे अस्थायी बाजार सजने लगा, जिससे हालात और गंभीर हो गए। रही सही कसर ई रिक्शा वालों ने पूरी कर दी। नतीजतन अतिक्रमण की वजह से इस रोड से गुजरना मुश्किल है।

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नवल्टी चौराहे पर जाम
जिला अस्पताल रोड पर नॉवल्टी चौराहे पर जाम में फंसी एंबुलेंस। Photograph: (यंग भारत न्यूज।)

एंबुलेंस को जिला अस्पताल पहुंचने में होती है दिक्कत

अतिक्रमण की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत मरीज लेकर जिला अस्पताल आने वाली एंबुलेंस को होती है। सायरन की आवाज सुनने के बावजूद लोग एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते। कई बार तो एंबुलेंस को जाम में फंसने की वजह से अस्पताल तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में मरीजों की जान भी खतरे में बनी रहती है। जिला अस्पताल प्रशासन ने कई बार नगर निगम से अतिक्रमण हटवाने को कहा, इसके बाद अभियान तो चले लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला।

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जिला अस्पताल रोड बरेली।
जिला अस्पताल रोड पर दुकानों के बाहर सड़क पर रखा सामान। Photograph: (यंग भारत न्यूज।)

 10 फुट तक दुकानदारों का कब्जा, उसके बाद ठेले वालों का

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सड़क के दोनों तरफ करीब दस फुट तक नगर निगम ने सौदर्यीकरण कराते हुए टाइल्स लगवाई थीं। जहां तक टाइल्स लगी हैं वहां व्यापारियों ने दुकान के बाहर अपना सामान फैला रखा है। उसके आगे सड़क पर ठेले-फड़ वालों का कब्जा है। बतातें है कि इन ठेले-फड़ वालों से दुकानदार पैसा लेते हैं, इसके बाद ही अपनी दुकान के आगे ठेला-फड़ लगाने देते हैं। पुलिस से लेकर नगम निगम के कर्मचारी भी इनसे वसूली करते हैं। यही वजह है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान यहां कामयाब नहीं हो पा रहा।

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कुमार टॉकिज तिराहा
कुमार टाकिज तिराहे पर सड़क बीच खड़े ई रिक्शा। Photograph: (यंग भारत न्यूज।)

 कुमार टाकिज के सामने बीच सड़क पर खड़े रहते हैं ई-रिक्शा

जिला अस्पताल रोड पर कुमार टाकिज तिराहे पर सड़क किनारे ठेले-फड़ वालों का कब्जा है। दुकानदारों का सामान भी सड़क के बाहर रखा रहता है। सड़क के बीचों बीच ई रिक्शा वालों ने कब्जा जमा रखा है। ई रिक्शा वाले सड़क के बीच सवारियां बैठाते और उतारते हैं। बृहस्पतिवार जो कि बाजार बंदी का दिन होता है, उस दिन इस तिराहे पर कदम रखना मुश्किल होता है। हालांकि यहां पिंक बूथ बना है लेकिन उस पर पुलिस कर्मी नहीं दिखते।

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जिला अस्पताल रोड अवैध पार्किंग
जिला अस्पताल रोड पर पुल के नीचे सड़क पर बनी अवैध पार्किंग। Photograph: (यंग भारत न्यूज।)

 पुल के नीचे सड़क के बीच बनी अवैध पार्किंग

कुतुबखाना पुल के नीचे सड़क के बीच अवैध पार्किंग बन गई है। जहां दुकानदारों और ग्राहकों के वाहन खड़े रहते हैं। अवैध पार्किंग की वजह से एक तरफ से सड़क के दूसरी जाना मुश्किल होता है। जगह-जगह ई रिक्शा वालों का भी सड़क पर कब्जा दिखाई देता है। इसके अलावा ठेले और फड़ भी पुल के नीचे लगते हैं, इससे पुल के नीचे का यह हिस्सा अस्थायी डिवाइडर के रूप में विकसित हो गया है। यह स्थिति पुल शुरू होने से लेकर खत्म होने तक है।

 

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