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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
लिवर से जुड़ी बीमारियों के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनियमित खानपान और दिनचर्या की वजह से युवा फैटी लिवर का शिकार हो रहे हैं। बरेली जिला अस्पताल में रोज 60 से 70 मरीज लिवर से जुड़ी बीमारियों के पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर युवा शामिल हैं। लिवर का समय रहते इलाज नहीं कराया जाए तो पीलिया और कैंसर जैसी प्राण घातक बीमारी हो सकती है।
जिला अस्पताल में रोज पहुंच रहे 60-70 लिवर के मरीज
लिवर शरीर के महत्पूर्ण अंगों में एक है। इसके बगैर जीवन असंभव है। इसलिए लिवर का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। मगर आजकल भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खान-पान और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है। इस कारण लिवर कई तरह के संक्रमण से ग्रसित हो रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में लिवर से जुड़ी बीमारियों के साथ रोना 60 से 70 मरीज फैटी लिवर के पहुंच रहे हैं।
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गर्मी में लिवर ज्यादा होती हैं लिवर संबंधी बीमारियां: डॉ. हरपाल सिंह
बरेली जिला अस्पताल में पिछले कई सालों से पेट, हृदय, मूत्र, गुर्दा और मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ नहीं है इसकी वजह से मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों काम फिजिशियन से लिया जा रहा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. हरपाल सिंह के मुताबिक गर्मी के दिनों में लिवर संबंधी बीमारियों के मरीज अधिक आते हैं। इनमें लीवर में सूजन, लिवर सिरोसिस के लक्षणों और संक्रमण के मरीज भी शामिल हैं। जांच में गंभीर मिलने वाले मरीज को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है।
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20 से 30 साल की उम्र में फैटी हो रहा लिवर
विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार युवाओं में फैटी लीवर की दिक्कत तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा और टाइप टू मधुमेह भी युवाओं में फैटी लिवर होने का बड़ा कारण है। कुछ वर्षों पहले तक फैटी लिवर की समस्या बुजुर्गों में अधिक होती थी। मगर अब 20 और 30 साल की उम्र के युवा भी प्रभावित हैं।
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पेट, पैरों और पंजों में सूजन दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
पेट में भारीपन, जल्दी थकान, कमजोरी महसूस होना, भूख न लगना त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, वजन कम होना, पेट पैरों और पंजों में सूजन दिखाई देना आदि लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
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लिवर संबंधी बीमारियां को गंभीरता से लें: डॉ. रतनपाल सिंह, आईएमए सचिव
बरेली आईएमए सचिव डॉ. रतनपाल सिंह ने बताया कि ज्यादा दिन लिवर खराब रहने और उचित इलाज न मिलने पर पीलिया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जन्म ले सकती है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि लिवर कोई खास समस्या नहीं है, और बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए मनमर्जी से दवाओं का सेवन करते रहते हैं। मगर ऐसा ना कर करें। एक साधारण अल्ट्रासाउंड जांच से पता चल सकता है कि फैटी लिवर, पीलिया या कैंसर है या नहीं। इसलिए लिवर सबंधी बीमारियों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।
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स्वस्थ लिवर, स्वस्थ जीवन की कुंजी है: डॉ. विनोद राठौर
डॉ. विनोद राठौर के मुताबिक लिवर सेहत का आधार है। इस विश्व लीवर दिवस पर, संकल्प लें कि हम अपने लिवर को स्वस्थ रखेंगे। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, शराब से परहेज और समय पर जांच से लीवर रोगों को रोका जा सकता है। हैपेटाइटिस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण और स्वच्छता का ध्यान रखें। अपने लिवर की देखभाल करें, क्योंकि स्वस्थ लिवर, स्वस्थ जीवन की कुंजी है!"
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रेफ्रीजरेटेड चीजों और जंक फूट से बच्चे, लाइफ स्टाइल सुधारें: डॉ. विकास वर्मा
डॉ. विकास वर्मा ने बताया कि पिछले 10 सालों में लिवर के मरीज तेजी से बढ़े हैं। इसकी वजह लाइफ स्टाइल में बदलाव, अनियमित और खराब खानपान, जंक फूड, चिकनाई और बाहर का खाना, रेफ्रीजरेटेड चीजें और कीटनाशक दवाएं हैं। अधिकांश दुकानदार घटियाघी-तेल या पाम ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। सब्जियों में कई-कई कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है। लोग रात को देर तक जागते और सुबह को देर से उठते हैं। इससे फैटी लिवर होने के साथ कोलेस्ट्राल और डायबिटीज होने की संभावना रहती है। लिवर को ठीक रखना है तो सुबह जल्दी उठकर टहलें, व्यायाम-योगा करें। अपने घर की छत पर आर्गेनिक सब्जियां करें। जंक फूड, रेफ्रिजरेटेड और बाहर की चीजें न खाएं।
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