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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। नियमों की जानकारी न होने पर ही किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज नहीं बेच पाते हैं, उनकी इसी कमी का फायदा बिचौलिये उठाते हैं और किसानों की उपज औने पौने दाम में खरीदकर जमकर मुनाफा कमाते हैं लेकिन अगर किसानों को नियमों जानकारी होगी तो केंद्र प्रभारी बहानेबाजी करके उन्हें टरका नहीं पाएंगे। आइए जानते हैं क्या हैं गेहूं खरीद के नियम और केंद्र प्रभारियों की जिम्मेदारी
गेहूं खरीद 17 मार्च से 15 जून तक होगी, इसके लिए बरेली मंडल में कुल 579 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, इनमें बरेली में 131, बदायूं में 113, पीलीभीत में 138 और शाहजहापुर में 197 केंद्र स्थापित हैं, जिन पर प्रातः 8:00 से सायं 8:00 बजे तक गेहूं खरीद की जाएगी। क्रय केंद्र साप्ताहिक और सार्वजनिक अवकाशों पर भी खुले रहेंगे।
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सरकार ने पिछले साल की तुलना में 150 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इस साल समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। केंद्रों पर गेहूं की उतराई, छनाई और सफाई के मद में 20 रुपये प्रति क्विंटल के व्यय का भुगतान किसानों को अतिरिक्त मिलेगा। इस तरह किसानों को 2445 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बैंक खातों में भुगतान होगा। भुगतान 24 से 48 घंटे में किसान के बैंक खातों में पहुंच जाएगा।
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सरकार के निर्देश हैं कि क्रय केंद्र प्रभारी गेहूं बिक्री करने आने वाले किसानों का अभिवादन करते हुए उनके साथ विनम्रता से पेश आए। उनका व्यवहार किसानों के साथ मित्रवत होना चाहिए, जिससे किसान को लगे कि उसका क्रय केंद्र पर सम्मान हो रहा है। किसानों के लिए पेयजल के साथ गुड़ की व्यवस्था भी की जाए। क्रय केंद्र पर बैनर इस तरह लगाए जाएं कि किसानों को गेहूं खरीद से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके।
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केंद्र प्रभारियों को निर्देश हैं कि वे अपने केंद्र पर एक अतिरिक्त बैनर लगाएं, जिस पर मोटे अक्षरों में उल्लेख होना चाहिए कि अगर किसान से कोई अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार या श्रमिक अनुचित मांग करता है तो टॉल-फ्री नंबर-18001800150 पर सूचना दें। भुगतान 48 घंटे में किया जाए। बैनर पर यह सूचना अंकित की जाए और किसान को भी बताया जाए कि वह अपने जिस बैंक खाते में भुगतान चाहता है, उसे एनपीसीआई से संबंधित बैंक प्रबंधक के माध्यम से मैप करा ले।
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क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देश हैं कि वे अपने क्षेत्र के किसानों को मोबाइल पर क्रय केंद्र की जानकारी दें और पंजीकरण व सत्यापन में मदद की करें। किसानों को बताया जाए कि 100 क्विंटल की मात्रा के सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। किसानों को यथासंभव एक दिन पूर्व ही सूचित कर दिया जाए कि वे केंद्र पर गेहूं विक्रय के लिए ला सकते हैं। इसके अलावा पर्याप्ता मात्रा में बारदाना उपलब्ध रखने की जिम्मेदारी केंद्र प्रभारी की है।
केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि गेहूं की बिक्री के बाद तत्काल केंद्र प्रभारी किसान को रसीद दें। इसके अलावा अगर किसान के पंजीकरण प्रपत्र में कोई कमी हो तो उसे लौटाने के बजाय समस्या का तत्परता से समाधान करें। वहीं अगर जिन किसानों का पंजीकरण नहीं है तो केंद्र पर ही पंजीकरण कराकर तौल कराई जाए।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए कि गेहूं की कटाई शुरू होने से पहले गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क करें और अधिक से अधिक गेहूं खरीद करें। साथ ही कहा कि केंद्र प्रभारी अपने क्षेत्र में गेहूं का अवैध भंडारण करने वाले व्यापारियों को चिह्नित करें, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी सूचना वह जिला प्रशासन या जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय को दें। उन्होंने कहा कि यह सभी केंद्र प्रभारियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि किसानों को गेहूं का या तो समर्थन मूल्य पर प्राप्त हो या उससे अधिक।