दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद दिल्ली में राजनैतिक घटनाक्रम तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी की आतिशी के राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपने के बाद भाजपा के विधायकों का राजभवन पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल को चुनाव हराने वाले परवेश वर्मा भी राजभवन पहुंचे हैं। सियासी गलियारों में उनके राजभवन पहुंचने के मायने निकाले जा रहे हैं।
परवेश वर्मा राज निवास पहुंचने पर चर्चाएं तेज
परवेश वर्मा राज निवास पहुंचने पर उनके भावी मुख्यमंत्री होने पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि बिजवासन विधानसभा सीट से भाजपा के विजयी उम्मीदवार कैलाश गहलोत भी राज निवास पहुंचे। कैलाश गहलोत ने कहा है कि, "मैं यहां उपराज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात के लिए आया हूं।" अब देखना है कि क्या इस बार भी नई दिल्ली विधानसभा सीट ही दिल्ली को अपना मुख्यमंत्री देगी, जैसा कि पिछले छह बार से लगातार हो रहा है। बता दें कि शीला दीक्षित के बाद अरविंद केजरीवाल भी नई दिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनकर आते रहे थे। हालांकि 1998 और 2003 विधानसभा चुनाव के समय इस यह विधानसभा सीट गोल मार्केट हुआ करती थी, और शीला दीक्षित इस सीट से विधायक चुनी गई थीं।
1996 से 1998 तक सीएम रहे थे साहिब सिंह वर्मा
नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए परवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के बेटे होने के नाते परवेश वर्मा का राजनैतिक प्रोफाइल मजबूत माना जा रहा है, पार्टी उनको जाट नेता के रूप में आगे बढ़ा सकती है, मीडिया भी परवेश वर्मा को इसी नजर से देख रहा है, हालांकि परवेश वर्मा का कहना है कि विधायक दल अपना नेता चुनेगा, उसके बाद पार्टी आलाकमान की मुहर लगने पर मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। राजभवन जाने से पहले परवेश वर्मा अपने पैत्रक गांव में पिता साहिब सिंह वर्मा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
तरुण चुघ बोले लूटने वालों को दिल्ली ने दी सजा
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए भाजपा नेता तरुण चुघ ने कहा है कि आपदा के रूप में दिल्ली को लूटने वालों को दिल्ली की जनता ने सजा दी है। दिल्ली की जनता पहले ही कांग्रेस को करारी शिकस्त दे चुकी है और वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए। देश को अंदर और बाहर बदनाम करने वालों को जनता लगातार जवाब दे रही है।