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मुस्लिम वोटरों को साधने को Congress ने चला मास्टर स्ट्रोक! दिल्ली में सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करने का वादा

Delhi Election 2025: अल्पसंख्यकों को साधने के लिए कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है। कांग्रेस ने ऐलान करते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर सच्चर कमेटी का 15 सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया जाएगा।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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Delhi Election 2025: दिल्ली का चुनावी दंगल जीतने के लिए सियासी दल नए-नए दांव-पेंच चल रहे हैं। अल्प संख्यकों को साधने के लिए कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ऐलान करते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर सच्चर कमेटी का 15 सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया जाएगा। इसे कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

माइनोरिटी के लिए प्रतिबद्ध है कांग्रेस- इमरान मसूद

इमरान मसूद ने ऐलान करते हुए कहा, हम सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार UPA सरकार द्वारा बनाए गए 15 सूत्रीय कार्यक्रम को दिल्ली में लागू करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि माइनोरिटी कम्युनिटी के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है, उनके उत्थान के लिए, उनकी सुरक्षा के लिए और उनके मुख्यधारा से जोड़े रखने के लिए।

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इमरान मसूद ने भाजपा और आप पर लगाए आरोप

इमरान मसूद ने भाजपा के ऊपर हमला करते हुए कहा, "एक तरफ प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि मुसलमान के बच्चों के एक हाथ में कुरान हो और एक हाथ में कंप्यूटर हो। लेकिन कंप्यूटर का रास्ता बंद कर दिया है, सारी स्कॉलरशिप बंद कर दी हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट को लगातार घटाया जा रहा है। कहना कुछ है, करना कुछ और है।" इमरान मसूद ने आम आदमी पार्टी के ऊपर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली के अंदर दंगे हुए तो आप सरकार का चेहरा बेकनाब हो गया। 

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क्या हैं सच्चर कमेटी के सुझाव?

सच्चर कमेटी (Sachar Committee) का गठन 9 मार्च 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने किया था। इस समिति के अध्यक्ष जस्टिस राजिंदर सच्चर थे। इसका उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करना था।  साल 2006 में सच्चर कमेटी ने 403 पेज की रिपोर्ट लोकसभा में सौंपी, जिसमें सामने आया कि भारतीय मुसलमान शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े हुए हैं। जिसके बाद सच्चर कमेटी ने अल्प संख्यकों की स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें पेश की थीं। 

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सच्चर कमेटी की सिफारिशें  

1. शिक्षा को बढ़ावा देना: मुस्लिम बहुल इलाकों में शिक्षा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की स्थापना करना।  
   
2. शिक्षा में सुधार: मदरसों के आधुनिकीकरण की सिफारिश की गई ताकि विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसी विषयों को जोड़ा जा सके।  

3. सरकारी नौकरियों में भागीदारी बढ़ाना: सरकारी नौकरियों और पुलिस बलों में मुसलमानों की भर्ती को बढ़ावा देना।  

4. राष्ट्रीय डाटा बैंक का निर्माण: अल्पसंख्यकों की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए एक डाटा बैंक स्थापित करना।  

5. फाइनेंशियल इन्क्लूजन: बैंकों में मुसलमानों की पहुंच बढ़ाने के लिए आसान ऋण योजनाएं शुरू करना।  

6. माइक्रोफाइनेंस का विस्तार: मुस्लिम समुदायों में लघु वित्त योजनाओं का प्रसार।  

7. पंचायती राज संस्थाओं में भागीदारी: स्थानीय निकायों में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास करना।  

8. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की मजबूती: इस मंत्रालय को अधिक शक्तियां और वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना।  

9. पुलिस में भेदभाव खत्म करना: मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह और भेदभाव को दूर करने के लिए प्रशिक्षण देना।  

10. अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति: मुसलमानों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं चलाना।  

11. हाउसिंग योजनाएं: मुस्लिम बहुल बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना।  

12. व्यापार और रोजगार: मुस्लिम कारीगरों और उद्यमियों को आर्थिक सहायता देना।  

13. महिला सशक्तिकरण: मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करना।  

14. अल्पसंख्यक आयोग को मजबूत बनाना: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की शक्तियों को बढ़ाना।  

15. मीडिया सेंसिटिविटी: मुसलमानों की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने के लिए मीडिया में सुधार करना।  

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