/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/08/0DlJMt78HDDFEN2YGU0N.jpg)
करीब तीन दशक से दिल्ली की सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी के लिए शनिवार का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार भाजपा ने दमदार प्रदर्शन करते हुए न केवल सत्ता पाने का जादुई आंकड़ा हासिल किया है, बल्कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को चारों खाने चित्त कर दिया है। इसके साथ ही अब दिल्ली में भाजपा की डबल इंजन की सरकार नजर आएगी । इस जीत के बाद अब भाजपा के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है- कौन बनेगा मुख्यमंत्री?।
हालांकि पिछले कुछ सालों में, भाजपा ने अन्य राज्यों में जीत दर्ज करने के बाद सीएम के चयन से सबको चौंकाया ही है। इसके चलते दिल्ली का मख्यमंत्री कौन होगा , इसको लेकर इस समय महज कयासों का बाजार गर्म हैं । पार्टी के कुछ दिग्गज नेता भी इस बात को दबी जुबान में कह रहे हैं कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा , इसके बारे में सबके दावे अभी हवाई ही हैं। हो सकता है एक नया चेहरा आने वाले दिनों में दिल्ली के सिंघासन पर बैठेगा । दिल्ली चुनावों के प्रभारी जय पांडा ने इस बात का ऐलान भी कर दिया है कि आगामी 10 दिन में सीएम के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा ।
Delhi Election Results 2025 Live: रुझानों में आगे कौन पीछे, जानिए पल-पल की अपडेट
ये 7 नेता सुर्खियों में
स्मृति ईरानी
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी दिल्ली के मुख्यमंत्री की दौड़ में बनी हुई हैं । असल में भाजपा महिला वोटरों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर लंबे समय से काम कर रही है। महिलाओं को लेकर केंद्र सरकार की योजनाएं इसका एक उदाहरण है। इस सबके बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम पिछले कुछ समय से दिल्ली के सीएम चेहरे के तौर पर सामने आ रहा है । हालांकि उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है लेकिन उनकी संभावना प्रबल बताई जा रही है । पीएम मोदी और संगठन के पिछले फैसलों पर नजर डालें तो पार्टी हमेशा एक चौंकाने वाला नाम सीएम के तौर पर पेश करती रही। स्मृति जिस मुखर तरीके से लोकसभा में लोगों को नजर आई हैं , वह लोगों ने काफी पसंद भी किया है । हालांकि अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान लेगी , लेकिन उनके नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार सबसे ज्यादा गर्म है ।
परवेश वर्मा
दिल्ली भाजपा के युवा नेताओं में शुमार और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पार्टी के फायर ब्रांड नेताओं में शुमार परवेश वर्मा भी सीएम की इस रेस में बने हुए हैं । नई दिल्ली सीट पर एक बार फिर लोगों ने उनके सीएम बनाए जाने के नारे लगाए । हालांकि जिस तरह से उन्होंने अपने आक्रामक अंदाज से आम आदमी पार्टी पर हमला जारी रखा और भाजपा के मुद्दों को लोगों तक पहुंचाने में सफलता हासिल की । इस सबके चलते ही कार्यकर्ताओं के बीच उन्हें लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है ।
मीनाक्षी लेखी – बांसूरी स्वराज भी दौड़ में
इसी क्रम में अगर दो अन्य महिला दावेदारों की बात करें तो इसमें एक नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और दूसरा पूर्व सीएम सुषमा स्वराज की बेटी बांसूरी स्वराज का भी सुर्खियों में है । ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री देने जा रही है । ये दोनों नेत्रियां भी मुखर तरीके से अपनी बात कहने के लिए चर्चाओं में रहती हैं । जहां मीनाक्षी लेखी के बाद लंबा अनुभव है , वहीं बांसूरी स्वराज भी बहुत तेजी से लोगों के बीच अपनी साख बनाने में कामयाब साबित हुई हैं।
वीरेंद्र सचदेवा
इसी क्रम में भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नाम को लेकर भी कार्यकर्ताओं के बीच काफी चर्चा हो रही है । भाजपा को दिल्ली की सत्ता से दूर हुए करीब 27 साल हो गए हैं । अंतिम बार भाजपा की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज मात्र 52 दिन के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं। तब से लेकर अब तक दिल्ली में भाजपा के कई प्रदेश अध्यक्ष बने , लेकिन कोई अपनी रणनीति से भाजपा को सत्ता नहीं दिला सका । इस बार भाजपा को दिल्ली का सिंघासन दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वालों में वीरेंद्र सचदेवा का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। ऐसे में चर्चाएं हैं कि पार्टी आलाकमान उन्हें दिल्ली संभालने का मौका दे।
विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली की रोहिणी सीट से भाजपा प्रत्याक्षी और राजधानी में पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार विजेंद्र गुप्ता मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में एक मजबूत दावेदार हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान उन्होंने विपक्षी नेता की भूमिका बहुत की दमदार तरीके से निभाई है । वह पार्टी के नेताओं के बीच एक लीडर के रूप में हमेशा नजर आए हैं । हालांकि संगठन और कैडर में भी उनकी पकड़ है । भाजपा उन्हें भी सीएम के चेहरे के तौर पर देख रही है।
मनोज तिवारी
दिल्ली विधानसभा चुनावों में पूर्वांचल का मुद्दा इस बार भाजपा ने जोरदार तरीके से उठाया। भाजपा इस मुद्दे को भुनाने में कामयाब भी हुई है । इस मुद्दे को लेकर जनता से बीच जाने वाले और इसे अच्छे तरीके से भुनाने वाले उत्तर पूर्वी दिल्ली से तीन बार के सांसद मनोज तिवारी भी चर्चाओं में बने हुए हैं । उन्होंने भाजपा की ओर से दिल्ली प्रदेश की जिम्मेदारी पहले भी संभाली है।
क्या दिल्ली में बनेगा डिप्टी सीएम
हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का दबी जुबां में कहना है कि दिल्ली में संगठन के किसी शख्स को सीएम के तौर पर लोगों के सामने लाया जा सकता है । मध्य प्रदेश , उत्तराखंड , राजस्थान , हरियाणा जैसे राज्यों में भी भाजपा ने ऐसा ही किया है । एक चेहरा अचानक से खास हो जाता है । हालांकि कुछ नेता दिल्ली में राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए डिप्टी सीएम बनाए जाने की भी बातें कह रहे हैं । हालांकि दिल्ली जैसे छोटे राज्य के लिए ऐसा होगा, इसकी संभावना कम ही है।
Delhi Election Results 2025 Live: खिल रहा 'कमल', धूल में पड़ी 'झाड़ू',,शून्य में कांग्रेस