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EC: चुनाव आयोग की AI को लेकर राजनीतिक दलों को सलाह, रखें ट्रांसपेरेंसी का ध्यान

निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों को जारी एडवाइजरी में कहा है कि यदि कोई राजनीतिक दल या प्रत्याशी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के जरिये किसी फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री का उपयोग करे तो उसके स्रोत की अवश्य दे, जानिए क्या कहा... 

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Mukesh Pandit
ELECTION COMMISION ON AI
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI)को संपूर्ण जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ प्रयोग करने के लिए कहा है। इसे लेकर आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सलाह जारी की है। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार एआई से जारी होने वाली सामग्री का सही से इस्तेमाल करें और जिम्मेदारी का परिचय दें।

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उपयोग की गई सामग्री के स्रोत की जानकारी दें

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उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को जारी की गई एडवाइजरी में चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर कोई राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के जरिये किसी फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री का उपयोग करे तो उसके स्रोत की जानकारी अवश्य दे। आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल विज्ञापन और प्रचार सामग्री पर अगर सिथेंटिक कंटेट का उपयोग करेंगे तो उनको इसका अस्वीकरण देना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार लगातार चुनाव में एआई के गलत उपयोग को लेकर चिंता जताते रहे हैं। सात जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के दौरान उन्होंने कहा था कि प्रशासन को गलत सूचना फैलाने के प्रयास करने वालों के प्रति सतर्क रहना होगा। साथ ही ऐसी सूचनाओं को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी होगी। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी आयोग ने सोशल मीडिया के सावधानीपूर्ण उपयोग को निर्देश किए थे।



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फेक वीडियो व तस्वीरों पर हो चुकी हैं FIR

आयोग ने माना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में डीपफेक और भ्रामक संदेश फैलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस ने आप के खिलाफ प्रधानमंत्री व गृहमंत्री की एआई-जनरेटेड तस्वीरें और वीडियो पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करने के आरोप में पांच एफआईआर दर्ज की हैं। शिकायतें 10 जनवरी और 13 जनवरी को पोस्ट किए गए वीडियो से जुड़ी थीं, जिनमें से एक में 90 के दशक की बॉलीवुड फिल्म के दृश्य में भाजपा नेताओं को चित्रित करने के लिए एआई-डीपफेक तकनीक का उपयोग किया गया था। इसके साथ ही सोशल मीडिया और एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आयोग का मानना है कि डीपफेक वीडियो चुनाव कानूनों और निर्देशों का उल्लंघन करके चुनावी प्रक्रिया को बाधित करते हैं। 

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