एक दिन में भारत में HMPV के 5 मामले, खुद मंत्री ने कही बड़ी बात
चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने भारत में दस्तक दे दी है और इस वायरस ने एक दिन के अंदर देश में 5 बच्चों को संक्रमित कर दिया है। बेंगलुरु समेत देश के कई हिस्सों में HMPV के मामले सामने आए हैं
चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने भारत में दस्तक दे दी है और इस वायरस ने एक दिन के अंदर देश में 5 बच्चों को संक्रमित कर दिया है। बेंगलुरु समेत देश के कई हिस्सों में HMPV के मामले सामने आए हैं,गुजरात में HMPV संक्रमण का एक मामला सामने आया है और चेन्नई में 2 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने डराने वाली चेतावनी देते हुए कहा है कि यह वायरस भारत समेत पूरी दुनिया में पहले ही 'फैल' चुका है। हालांकि, ICMR ने कहा कि भारत सांस संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बेंगलुरु में 8 महीने और 3 महीने के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया है, जबकि गुजरात में 2 महीने का बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित पाया गया है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है की इन बच्चों की चीन जाने की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिला है। वहीं गुजरात में एचएमपीवी का पहला मामला सामने आया है। अहमदाबाद में संक्रमित पाए गए बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण थे। एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद बच्चा ठीक बताया जा रहा है, लेकिन एक निजी लैब में उसकी एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चों को बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराने के बाद संक्रमण की पहचान हुई।
दोनों बच्चों को ब्रोंकोन्यूमोनिया नामक निमोनिया का इतिहास था, जो फेफड़ों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। ब्रोंकोन्यूमोनिया फेफड़ों और ब्रांकाई दोनों में एल्वियोली को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'दोनों मामलों की पहचान मल्टीपल रेस्पिरेटरी वायरल पैथोजेन्स की नियमित निगरानी के जरिए की गई, जो देश भर में सांस संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।' मंत्रालय ने कहा कि लड़की को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि लड़का अब स्वस्थ है। मंत्रालय ने कहा, 'यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है।'
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नज़र रख रहा है
जेपी नड्डा Photograph: (google )
भारत समेत दुनिया भर में एचएमपीवी पहले ही देखा जा चुका है। इसके अलावा, विभिन्न देशों, खास तौर पर चीन में एचएमपीवी से जुड़े समाधान संबंधी संस्थान के मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के ज़रिए स्थिति पर नज़र रख रहा है, जिसमें कहा गया है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएसआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। मंत्रालय ने कहा है कि सांख्यिकी बाज़ार पूरे साल एचपीएसवी प्रचलन के रुझानों पर नज़र रखता है।
HMPV की खोज सबसे पहले 2001 में हुई थी और यह रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है। HMPV से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। इससे पहले, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के डॉ. अतुल गोयल ने कहा था कि यह बीमारी बुजुर्गों और बहुत छोटे बच्चों में "फ्लू जैसे लक्षण" पैदा कर सकती है।