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भाजपा सांसद समिक ने कहा, पीएम मोदी कह चुके हैं सीमा पार आतंकी गतिविधि को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा

ऑपरेशन सिंदूर बंद किए जाने के बाद भारत की ओर से विभिन्‍न देशों में भेजे गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल पाकिस्‍तान के आतंकी चेहरे से अवगत करा रहे हैं। रविशंकर प्रसाद की अगुआई वाला प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्‍तान का चेहरा बेनकाब किया है।

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Narendra Aniket
Ravi Shankar Prasad met the Chairman of the European Union
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद की अगुआई में गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही भारत का रुख स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर भविष्य में सीमा पार से कोई भी आतंकवादी गतिविधि होती है, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। 

रैडिकलाइजेशन और अवैध घुसपैठ की चपेट में है पूरी दुनिया

भट्टाचार्य ने कहा कि हमने यूरोपीय संघ को बताया है कि आज दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा रैडिकलाइजेशन और अवैध घुसपैठ है। आज, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया धीरे-धीरे इसकी चपेट में आ रही है। पूरे यूरोपीय संघ को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। हम शुरू से कह रहे हैं कि आप इस तरह के आतंक से पाकिस्तान को अलग नहीं कर सकते। आतंकवाद और पाकिस्तान एक दूसरे के पर्याय हैं।'

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, आतंक के साथ कट्टरपंथ भी फैलाता है

शिवसेना (उद्धव) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'हमने पांचों देशों में से हर एक का दौरा किया है। बर्लिन जाना अभी बाकी है। हम जहां भी गए वहां एक सकारात्मकता है। सभी को अहसास हो रहा है कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादी गतिविधियां करता है बल्कि कट्टरपंथ भी फैलाता है। इसका असर इन सभी देशों पर पड़ता है। जब तक हम आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस नहीं रखेंगे, तब तक पूरी दुनिया असुरक्षित रहेगी। 

पाकिस्‍तान को पहुंच रहे पैसे का दुरुपयोग करने से रोकना जरूरी

चतुर्वेदी ने कहा कि FATF में कई यूरोपीय देश हैं। वे विश्व बैंक में भी हैं। उनके पास अपना GSA प्लस करके एक व्यापार समझौता है जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है और अब वह बातचीत के लिए आने वाला है। हमारा मानना है कि जवाबदेही होनी चाहिए। जो पैसा उसके पास पहुंच रहा है उसका इस्तेमाल वहां के लोगों के लिए नहीं बल्कि आतंकवाद के लिए किया जा रहा है। इसलिए इस पर आवाज उठाना जरूरी है। हमने कहा कि मनी ट्रेल का पता लगाएं। उन्हें जवाबदेह बनाएं। पहले वे FATF की ग्रे लिस्ट में थे, उन्हें वापस ग्रे लिस्ट में लाएं। यही हमारी मांग है।'

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