पहले देश में रेल बजट अलग से पेश किया जाता था और कई बार ऐसे भी मौके आए कि रेल बजट, आम बजट से अधिक रहा, लेकिन वित्तीय वर्ष 2017-18 से रेल बजट को भी आम बजट में ही समाहित कर दिया गया, उस साल भारत के वित्त अरुण जेटली थे, पहली बाद अरुण जेटली ने रेल और आम बजट एक साथ पेश कर 92 साल पुरानी रेल बजट अलग से पेश करने वाली प्रथा पर ब्रेक लगा दिया था। दरअसल, भारत सरकार ने रेल बजट का आम बजट में विलय करने को 21 सितंबर, 2016 को मंजूरी दे दी थी। उसके बाद रेल बजट अलग से नहीं पेश किया गया।
आज के बजट में भी शामिल होगा रेल बजट
आज वित्त मंत्री जो बजट पेश करेंगी, उसी में रेल बजट भी शामिल होगा। 2016 तक रेल बजट, आम बजट से कुछ दिन पहले पेश किया जाता रहा है, अंतिम रेल बजट पेश करने का रिकॉर्ड पीयूष गोयल के नाम पर दर्ज, यह 2016- 17 का रेल बजट था। आजादी के समय देश का रेल बजट मात्र 14 करोड़, 28 लाख रुपये का था, जो समय के साथ बढ़ता गया। पिछले साल रेल बजट में 2,62,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
जानिए कब शुरू हुआ था रेल बजट
भारत में पहला रेल बजट 1924 में पेश किया गया था। तब एकवर्थ समिति की सिफारिशों के आधार पर रेल बजट तैयार किया गया था। इतिहास के छात्रों को यह जानने की भी जरूरत है कि 1927 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेट के चेयरमैन सर विलियम एकवर्थ ने भारत में रेलवे में व्यापक सुधार किए थे और इसके लिए एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने का श्रेय में विलियम एकवर्थ को ही जाता है। उन्हीं की सिफारिशों पर 1924 से अलग रेल बजट की जो प्रथा शुरू हुई वह आजाद भारत में भी 2016 तक यानि 92 साल चलती रही।
आजाद भारत का पहला रेल बजट
आजाद भारत का पहला रेल बजट 1947 में पेश किया गया था। तत्कालीन रेल मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। इतना ही नहीं जॉन मथाई के नाम भारत के दो आम बजट पेश करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। 2016 में नीति आयोग के सदस्य विवेक देवरॉय की अध्यक्षता वाली कमेटी ने रेल बजट को आम बजट में समाहित करने की सिफारिश की थी।