/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/08/befunky-collage-75-2025-08-08-21-32-59.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन: व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने स्पष्ट किया है कि भारत पर लगाया गया 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क केवल व्यापार का विषय नहीं, बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के चलते लिया गया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो चुका है। बुधवार को उन्होंने एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसके तहत भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क और लगाया गया, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया। यह अमेरिका द्वारा किसी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में शामिल है।
इस फैसले के गंभीर वैश्विक प्रभाव
नवारो ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत पर लगाया गया शुल्क पारंपरिक व्यापारिक टैरिफ का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। भारत ने रूसी तेल खरीदने से इनकार करने से साफ मना कर दिया है, और इस फैसले के गंभीर वैश्विक प्रभाव हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत अमेरिका से बड़ी मात्रा में डॉलर लेकर रूसी तेल खरीदता है और रूस उन डॉलर का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में करता है। अमेरिका भारत से आयात करता है, इसके बदले में भारत अमेरिकी डॉलर कमाता है और फिर उन्हीं डॉलर से रूस से तेल खरीदता है। अंततः रूस इन्हीं डॉलर से हथियार खरीदता है और यूक्रेन पर हमला करता है। फिर अमेरिकी करदाता यूक्रेन को हथियार देने के लिए भुगतान करते हैं यह चक्र अव्यवस्थित है और इसे रोका जाना चाहिए।
भारत अब रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार
नवारो ने भारत पर "सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश" होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां अमेरिकी उत्पादों को गैर-शुल्कीय बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे निष्पक्ष व्यापार संभव नहीं हो पाता। जब पत्रकारों ने पूछा कि भारत से अधिक रूसी तेल खरीदने वाले चीन पर ऐसी सख्ती क्यों नहीं दिखाई गई, तो उन्होंने कहा किट्रंप) कहते हैं देखते हैं क्या होता है। वैसे भी हमने पहले ही चीन पर 50 प्रतिशत से अधिक शुल्क लगा रखा है। व्हाइट हाउस के गृह सुरक्षा सलाहकार स्टीफन मिलर ने भी भारत को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भारत अब रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन चुका है। वे आसानी से दुनिया के अन्य बाजारों से तेल खरीद सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे रूस को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं।
भारत का जवाब
अमेरिकी टैरिफ नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे "अनुचित और अविवेकपूर्ण" करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।