Mahakumbh 2025: रेलवे स्टेशनों पर पौराणिक कथाओं को अद्भुत चित्रण
विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ को भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। रेलवे भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक छवि को प्रदर्शित कर रहा है। पेंट माई सिटी अभियान के तहत सभी रेलवे स्टेशनों को अद्भुत केंद्रों में परिवर्तित किया गया है।
महाकुंभनगर, वाईबीएन नेटवर्क: महाकुंभ 2025 में मुख्य अमृत स्नान में अब कुछ ही समय शेष है। मेले को भव्य एवं दिव्य स्वरूप प्रदान करने और देश की सांस्कृतिक छवि को निखारने में रेलवे भी अहम भूमिका निभा रहा है। पूरे प्रयागराज शहर के साथ ही रेलवे स्टेशन को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक छवि प्रदान की गई है। ‘पेंट माई सिटी’ अभियान के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों को कला और संस्कृति के अद्भुत केंद्रों में परिवर्तित कर दिया गया है।
प्रयागराज के रेलवे स्टेशन, जिनमें प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन, झूंसी रेलवे स्टेशन, रामबाग रेलवे स्टेशन, छिवकी रेलवे स्टेशन, प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन महाकुंभ के दृष्टिगत भारत की कला और संस्कृति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। इन स्टेशनों की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं और भारतीय परंपराओं को चित्रित करने वाली भव्य और आकर्षक कलाकृतियां बनाई गई हैं। रामायण, कृष्ण लीला, भगवान बुद्ध, शिव भक्ति, गंगा आरती और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर आधारित ये कलाकृतियां श्रद्धालुओं और पर्यटकों को प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर से परिचित कराती हैं।
रेलवे की यह पहल केवल सौंदर्यीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं को भी दर्शाती है। इन कलाकृतियां में ऋषि परंपरा, गुरु-शिष्य परंपरा, ज्ञान और त्याग के महत्व को दिखाया गया है, जो प्रयागराज के आध्यात्मिक स्वरूप को और भी उजागर करते हैं। ये कलाकृतियां महाकुम्भ 2025 के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं । भारतीय रेलवे का यह प्रयास कला और विकास का संगम प्रस्तुत करता है। यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि महाकुंभ 2025 में प्रयागराज आने वाले हर व्यक्ति को न केवल भव्य आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर मिले, बल्कि वे इस शहर की गहराई और इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को भी महसूस कर सकें।