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Myanmar earthquake: मृतकों की संख्या 2,700 के पार, सौ घंटे बाद मलवे जीवित निकाला एक शख्स

म्यांमार में आए भूकंप के बाद अभी भी इमारतें गिर रही हैं। राहत- बचाव कार्य में परेशानी आ रही है। रेस्क्यूर्स मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

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Dhiraj Dhillon
म्यांमार भूकंप, त्रासदी, बचाव, मौत

Photograph: (Google)

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Myanmar earthquake News: म्यांमार में आए भीषण भूकंप के बाद अभी भी इमारतें गिर रही हैं। इससे राहत और बचाव कार्य में परेशानी आ रही है। रेस्क्यूर्स मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक 2,700 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई हजार लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं, जिससे आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। बुधवार को म्यांमार की राजधानी से एक दिल छू लेने वाला मामला सामने आया है। फायर सर्विसेज ने  भूकंप के 100 घंटे बाद मलबे से एक व्यक्ति को जिंदा बाहर निकाला है।

गृह युद्ध के चलते रा‌हत कार्यों में दिक्कत

म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राहत और बचाव कार्य के साथ ही इसके प्रभाव का डरावना दृश्य उभर रहा है। मरने वालों का आंकड़ा 2700 को पार कर गया है। 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप ने म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड को भी प्रभावित किया है। तख्ता पलट के बाद लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे म्यांमार को इस भूकंप ने सबसे अधिक प्रभावित किया है। 

हालात और भी गंभीर हैं 

इस त्रासदी के बाद संचार सेवाएं ठप हैं, मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं, और बिजली व इंटरनेट की सुविधा भी सीमित है। म्यांमार 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से गंभीर समय से गुजर रहा है। गृह युद्ध के कारण अब तक 30 लाख से अधिक लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं। गृहयुद्ध के कारण कई क्षेत्रों में खाद्य और चिकित्सा सहायता पहुंचाना लगभग असंभव हो गया है।

त्रासदी के बीच भी जारी हैं सैन्य हमले

बड़ी बात यह है कि म्यांमार में आई इस भयंकर त्रासदी के बाद भी सैन्य हमले रुके नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने भूकंप के एपिसेंटर के पास ही सागाइंग, कयिन और बागो क्षेत्रों में बमबारी की है। जनरल जुंटा विरोधी समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस ने कई हवाई हमलों की पुष्टि की है। म्यांमार की यह स्थिति दशकों के सैन्य शासन का परिणाम है। 2021 में आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था। इसके बाद से सेना और लोकतंत्र समर्थक ताकतों के बीच संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। सेना बड़े पैमाने पर इलाकों पर नियंत्रण खो रही है, और भीतर ही भीतर असंतोष बढ़ता जा रहा है।

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