नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात हुई भगदड़ के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा कि वह प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री और यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करने के लिए अपनी रणनीति बनाए। बुधवार को हाई कोर्ट ने यह बात भगदड़ मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। हाईकोर्ट ने रेलवे अधिकारियों से भगदड़ के बाद किए गए इंतजामों के बारे में हलफनामा भी तलब किया है।
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रेलवे बोर्ड के उच्चतम स्तर पर हो समीक्षा
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों से कहा कि वे अपने हलफनामे में सुरक्षा उपायों और व्यवस्था व भीड़ नियंत्रण के मुद्दों के संबंध में उठाए जाने वाले अपने कदमों का ब्यौरा प्रस्तुत करें। अदालत ने कहा, ‘‘जैसा कि सॉलिसिटर जनरल ने सुझाव दिया है, याचिका में उठाए गए मुद्दों की समीक्षा रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाए और उसके बाद प्रतिवादी द्वारा एक हलफनामा दायर किया जाए, जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों का विवरण दिया जाए।’’
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सॉलिसिटर जनरल ने कही यह बात
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले को विरोधात्मक तरीके से नहीं लिया गया है और रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘अप्रत्याशित’’ स्थिति है। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा।
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याचिका भगदड़ की घटना तक सीमित नहीं
अदालत ने कहा कि जनहित याचिका हाल में हुई भगदड़ की घटना तक सीमित नहीं है, इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री एवं एक डिब्बे में यात्रियों की अधिकतम संख्या के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रावधान लागू करने का अनुरोध किया गया है। याची ने कहा है कि यदि कानूनी प्रावधानों को पर्याप्त रूप से लागू किया जाता है तो भगदड़ की ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था। इस मामले में आगे की सुनवाई 26 मार्च को होगी।
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भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई थी
भगदड़ की घटना के दो दिन बाद 17 फरवरी को उच्चतम न्यायालय में भी एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस घटना में 18 लोग मारे गए थे और 15 लोग घायल हो गए थे। इस जनहित याचिका में भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है।