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Sonia Gandhi की अगुवाई में विपक्ष का प्रदर्शन, स्पीकर बोले- ये आपके संस्कार नहीं

Opposition Protest Against SIR in Lok Sabha: बिहार में जारी मतदाता पुनरीक्षण को लेकर आज संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

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Ranjan Kumar
Sonia Gandhi

सोनिया गांधी

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वाईबीएन डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में आज यानी 24 जुलाई को विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर बिहार में जारी मतदाता पुनरीक्षण कार्य (Voter Revision Work) के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने सरकार के निर्णय का विरोध जताया। इसे वापस लेने की मांग की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसद पोस्टर लहराने लगे। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि तख्तियां लेकर आने पर सदन नहीं चलेगा। कांग्रेस सांसदों (Congress MP) से कहा कि ये आपके संस्कार नहीं हैं।

वो चर्चा करने से भाग रहे: रविशंकर प्रसाद

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद (BJP MP Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि इस मुद्दे पर हम चर्चा करने के  लिए तैयार हैं, लेकिन विशेष भाग रहा। खासकर कांग्रेस चर्चा करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tiwari) ने कहा कि SIR देश की नींव को नुकसान पहुंचा रहा है। आप पिछले 70 साल की विरासत को देखेंगे तो हर बार बुनियादी चुनावी सुधारों में संशोधन किया गया है। नए लोगों को केवल पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता होती है। 

जदयू सांसद ने भी प्रक्रिया की आलोचना की

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जदयू सांसद गिरधारी यादव ने भी दावा किया कि उनको सभी दस्तावेज जुटाने में काफी समय लग रहा है। सोचिए आम लोगों की स्थिति क्या होगी। कांग्रेससांसद गौरव गोगोई ने कह कि हम 3 दिनों से मांग कर रहे कि SIR पर चर्चा हो, लेकिन भाजपा के मंत्री की ओर से जवाब नहीं आया है। हम यह पूछना चाहते हैं कि SIR पर चर्चा होगी या नहीं। 

विपक्ष क्यों जता रहा विरोध?

विपक्ष मतदाता पुनरीक्षण को वोटबंदी बता रहा है। इसके कई कारण हैं। बिहार में अक्तूबर-नवंबर में चुनाव होना है। यानी विपक्ष के पास समय काफी कम बचा है। विपक्ष द्वारा इतने कम समय में आठ करोड़ लोगों के दस्तावेजों की जांच होना मुश्किल बताया जा रहा है। इसके अलावा दस्तावेजों की सख्ती का भी दावा किया जा रहा।  1987 से पहले कागजात या माता-पिता के जन्म प्रमाण जैसे अधिकतर लोगों के पास नहीं होते हैं। एक अहम कारण विपक्षी दलों को अपने कोर वोटरों के हटने का भी डर है। विपक्षी नेता कई बार कह चुके हैं इस प्रक्रिया के कारण दो से चार करोड़ वोटरों के नाम हट जाएंगे।

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