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Photograph: (X)
नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शिकस्त देकर सुर्खियों में आए परवेश साहिब सिंह वर्मा अचानक सियासत के केंद्र में आ गए हैं। उनका और पार्टी समर्थकों का उत्साह आसमान को छू रहा है, समर्थक उन्हें दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे हैं। रविवार को सुबह वे परिवार के साथ अपने पैतृक गांव मुंडका में दादा भैरव मंदिर पहुंचे और विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की। इसका वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया है। मुंडका पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
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पैतृक गांव में किया पगड़ी बांधकर स्वागत
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र परवेश साहिब सिंह वर्मा रविवार सुबह अपने पैृतक गांव मुंडका पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्हें गुलाबी रंग की पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद वे परिवार के सदस्यों के साथ पैतृक गांव में स्थित दादा भैरव मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद लिया। अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से 4,089 वोट से जीत हासिल करने वाले प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक माना जा रहा है। नई दिल्ली सीट का इतिहास भी कुछ ऐसा रहा है कि यहां से जो जीत हासिल करता है, मुख्यमंत्री का सेहरा उसी के सिर बंधता है। कांग्रेस की शीला दीक्षित और आप के अरविंद केजरीवाल इसी सीट से जीतकर तीन-तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।
यमुना नदी तट का पुनरुद्धार सर्वोच्च प्राथमिकता : परवेश वर्मा
भाजपा नेता परवेश वर्मा ने कहा कि यमुना नदी तट का विकास उनकी पार्टी की प्राथमिकता होगी। अपने पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि पिछली सरकार ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा की है और सड़कों की हालत खराब है। वर्मा ने कहा, यमुना नदी तट का पुनरुद्धार हमारी प्राथमिकताओं में होगा। वर्मा ने कहा कि वह अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले बहुमत के लिए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली की जनता के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से हम एक ऐसी सुंदर दिल्ली बनाने की दिशा में काम करेंगे जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी हो।
राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं परवेश
परवेश साहिब सिंह वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को हुआ है। उन्होंने दिल्ली के इतिहास में पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से अब तक की सबसे बड़ी जीत 578,486 वोटों के अंतर से हासिल की थी। वे एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं, जो दिल्ली में स्थित है। वे प्रखर भाजपा नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र हैं। उनके चाचा, आजाद सिंह, ने उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं और 2013 के विधानसभा चुनाव में मुंडका सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। भाजपा जिस तरह परिवारवाद पर हमले करती रही है,ऐसे में यह एक कारक उनके मुख्यमंत्री बनने की राह में रोड़ा बन सकता है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति की एक खूबी यह भी मानी जाती है कि वह हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लेते रहे हैं।
#WATCH | Delhi: BJP's winning candidate from New Delhi Vidhan Sabha seat, Parvesh Verma, offers prayers at Dada Bhairav Temple in Mundka, Delhi pic.twitter.com/ejnUdmFJCv
— ANI (@ANI) February 9, 2025
एनजीओ भी चलाते हैं वर्मा
जहां तक परवेश वर्मा का सवाल है, वे दिल्ली में भाजपा का पंजाबी और जाट चेहरा हैं और सक्रिय राजनीति के साथ राष्ट्रीय स्वयं नामक एक एनजीओ भी चलाते हैं। इसी एनजीओ के माध्यम से रुपये और सामान बांटने के आरोप उन पर आम आदमी पार्टी ने लगाए थे। लेकिन निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को यह कहकर खारिज कर दिया था कि इसके कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं। परवेश वर्मा की पत्नी स्वाति सिंह मध्य प्रदेश के भाजपा नेता विक्रम वर्मा की बेटी हैं। इसी तरह हरियाणा के भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु से भी उनकी निकट की रिश्तेदारी है। उनकी पिता साहिब सिंह वर्मा की गिनती दिग्गज भाजपा नेताओं में की जाती थी।
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