लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। महाकुंभ की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। लेकिन इसे लेकर लगातार विवाद भी हो रहे हैं। अब कुंभ मेले में पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगाने पर विवाद हो गया है और सियासत गरमा गई है।
महाकुंभ में मूर्ति पर गरमाई सियासत
महाकुंभ में समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगाई गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा का अनावरण किया है। इसे लेकर सियासत गरमा गई है। उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कुंभ मेले में मुलायम सिंह की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जताई है। बीजेपी सांसद ने कहा कि राम भक्तों की आस्था के मेले में राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों पर गोलियां चलवाने वाले की मूर्ति लगाना पूरी तरह से गलत है। वहीं कई साधु-संतों ने भी नाराजगी जताई है। साधु-संतों का कहना है कि जहां देवी-देवताओं की मूर्ति लगाई जाती है, वहां किसी भी राजनेता की मूर्ति लगाना सही नहीं है।
ये भी पढ़ें: क्या संजय राउत का ये बयान INDIA Alliance की ताबूत में आखिरी कील है?
'भगवान हैं नेता जी'
महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 16 में स्मृति सेवा संस्थान के शिविर में मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगाई गई है। ये मूर्ति करीब 3 फीट ऊंची है, जिसे कांसे से तैयार किया गया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) उनके लिए भगवान के समान हैं, इसलिए उनकी मूर्ति महाकुंभ परिसर में लगाई गई है। वहीं नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने रक्षामंत्री और कई बार सीएम रहते कई ऐसे निर्णय लिए हैं जो मील के पत्थर साबित हुए है। माता प्रसाद पांडे ने कहा कि नेता मुलायम सिंह यादव ने समाज के पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यक सहित महिलाओं, किसानों और नौजवानों के हित में आजीवन संघर्ष किया है।
ये भी पढ़ें: 'विकसित भारत युवा सम्मेलन' में Youth से संवाद करने पहुंचे PM Modi