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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी या उनके किसी भी प्रतिनिधि ने चुनाव आयोग के अल्टीमेटम के बावजूद ‘वोट चोरी’ पर कोई हलफनामा पेश नहीं किया है। आयोग द्वारा इसके लिए दी गई सात दिनों की समय-सीमा अब पूरी हो चुकी है। कांग्रेस नेता ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार में कथित "वोट चोरी" के आरोप लगाए थे और कहा था कि भाजपा व चुनाव आयोग मिलीभगत से काम कर रहे हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी से सबूतों समेत शपथपत्र जमा करने या देश से माफी मांगने की बात कही थी।
चुनाव आयोग: दूसरा विकल्प स्वतः वैध
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा सबूत या हलफनामा न देने की स्थिति में दूसरा विकल्प स्वतः ही वैध हो गया है। यानी अब उनके "वोट चोरी" के दावे अमान्य हो चुके हैं और इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
आयोग ने औपचारिक बयान नहीं दिया
हालांकि, आयोग ने इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को कहा था कि यदि कोई समय पर शिकायत या चुनाव याचिका दायर नहीं करता और बाद में झूठे आरोप लगाता है तो यह मतदाताओं को गुमराह करने जैसा है, जो संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा था- एक झूठ, यदि कई बार दोहराया जाए, तो सच नहीं हो जाता। हर मतदाता और बूथ लेवल एजेंट को शिकायत करने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए तय प्रक्रिया का पालन करना होगा।
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