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नई दिल्ली,वाईबीएन नेटवर्क: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खी आ गई है। सीमा पर तनाव के बीच भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसी कड़ी में भारत और फ्रांस के बीच एक मेगा डिफेंस डील होने जा रही है, जिसकी कुल लागत 63,887 करोड़ रुपये है। यह समझौता सोमवार को नई दिल्ली में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न किया जाएगा।
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नौ सेना की बढ़ेगी क्षमता
इस समझौते के तहत भारत फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान सीधे खरीदेगा। जिनमें 22 सिंगल-सीटर राफेल-एम (Rafale M) और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट शामिल हैं। इन विमानों को खासतौर पर भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। जिससे नौसेना की समुद्री मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा।
राफेल के साथ यह भी सामान आएगा
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इस डील का दायरा सिर्फ विमानों की आपूर्ति तक सीमित नहीं है। इसमें उच्च तकनीक वाले हथियारों का पैकेज, सिम्युलेटर, क्रू और ग्राउंड स्टाफ की ट्रेनिंग, रख-रखाव व संचालन संबंधी सहायता (MRO) और पांच वर्षों की लॉजिस्टिक सपोर्ट भी शामिल है। इसके अलावा इस सौदे में भारतीय वायुसेना के पास पहले से मौजूद 36 राफेल विमानों के लिए कुछ अतिरिक्त स्पेयर पार्ट्स और उपकरण भी शामिल किए गए हैं। गौरतलब है कि भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से ये 36 राफेल विमान खरीदे थे।
ऐसे कर सकते हैं दुश्मन पर वार
हालांकि फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबास्टियन लेकोर्नु का भारत दौरा आखिरी समय में रद्द हो गया, लेकिन इसके बावजूद यह सौदा दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की वर्चुअल मौजूदगी में सम्पन्न किया जाएगा। यह डील न केवल भारत की समुद्री ताकत को नया आयाम देगी, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की रणनीतिक तैयारियों को और मजबूती देगी। राफेल मरीन की तैनाती से भारतीय नौसेना को दुश्मन के विमानों और युद्धपोतों पर समुद्र के ऊपर से अचूक वार करने की क्षमता मिलेगी। यह डील भारत के रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के साथ मजबूत होते रणनीतिक संबंधों का भी प्रतीक है।
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