नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: सात मई एक ऐसी तारीख जो पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए कयामत की रात बनकर आई। यह वही रात थी जब भारत ने
पहलगाम आतंकी हमलेका बदला लेते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई को नाम दिया गया था—"
ऑपरेशन सिंदूर", जिसे आज एक महीना पूरा हो गया है। इस सफल सैन्य अभियान ने न केवल पाकिस्तान के आतंक के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक क्षमताओं का भी अद्वितीय प्रदर्शन किया।
सात मई कयामत की रात बन गई पाकिस्तान के लिए
पाकिस्तान के लिए 7 मई की रात भय और बर्बादी की कहानी बन गई। जिन ठिकानों से भारत के खिलाफ
आतंक की साजिशें रची जाती थीं, वे पूरी तरह से
नेस्तनाबूद कर दिए गए। रिपोर्ट्स के अनुसार हमले के दौरान आतंकी संगठनों में भारी अफरा-तफरी मच गई थी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भी स्तब्ध रह गई थीं। ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है। सीमा पार छिपे दुश्मनों को यह अच्छी तरह समझ आ गया कि अगर भारत पर हमला किया गया, तो जवाब दुगुनी ताकत और सटीकता से मिलेगा।
ऑपरेशन सिंदूर, आतंक पर करारा प्रहार
7 मई की रात भारत ने तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना के तालमेल से एक ऐसा आपरेशन अंजाम दिया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय लिखा। ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई।
सटीक निशाना, निर्णायक हमला
भारत ने इस ऑपरेशन में एडवांस मिसाइल टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। हमला इतनी सटीकता और तेजी से हुआ कि पाकिस्तान को जवाब देने या संभलने का मौका तक नहीं मिला। भारत ने यह संदेश साफ कर दिया कि सीमा पार से आतंक फैलाने वालों को अब चुपचाप नहीं सहा जाएगा।
महिला शक्ति की अगुवाई, सोफिया और व्योमिका ने दिखाया शौर्य
इस ऑपरेशन की सबसे गौरवपूर्ण बात रही इसकी लीडरशिप। ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व किया कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने। दोनों महिला सैन्य अधिकारियों ने अद्भुत साहस, रणनीति और नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया।
Pahalgam Terror Attack | Operation Sindoor not present in content