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Explainer : निशिकांत दुबे ने UN में बताई वो कहानी जिससे इस्लामाबाद तिलमिला उठा?

UN में निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान को लताड़ा, 'ऑपरेशन सिंदूर' का खुलासा कर आतंक पर निर्णायक चोट की। सीमा पार बच्चों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में बताई वो सच्चाई जिससे PAK हुआ बेनकाब?

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Ajit Kumar Pandey
Explainer : निशिकांत दुबे ने UN में बताई Pakistan की वो कहानी जिससे इस्लामाबाद तिलमिला उठा? | यंग भारत न्यूज

Explainer : निशिकांत दुबे ने UN में बताई वो कहानी जिससे इस्लामाबाद तिलमिला उठा?| यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली , वाईबीएन डेस्क ।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को बाल अधिकारों के उल्लंघन पर आईना दिखाया, 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करके अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस्लामाबाद की पोल खोल दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद से ध्यान भटकाने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान पहले अपने देश के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। 

यह कठोर बयान उस समय आया जब भारत बाल अधिकारों के संरक्षण के अपने प्रयासों को साझा कर रहा था। 

UN में निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान को लताड़ा: 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी और आतंक पर चोट सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा यूएनजीए का मंच एक बार फिर भारत की सशक्त कूटनीति का गवाह बना। 

जब दुनिया बाल अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण जैसे गंभीर विषय पर चर्चा कर रही थी, तब भारत ने अपने प्रतिनिधि, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से, पाकिस्तान को उसके दोहरे चरित्र पर करारा जवाब दिया। 

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निशिकांत दुबे ने सिर्फ पाकिस्तान की निंदा नहीं की, बल्कि एक ऐसी कार्रवाई का उल्लेख किया जो इस्लामाबाद के लिए किसी सदमे से कम नहीं था- 'ऑपरेशन सिंदूर'। 

क्या है यह 'ऑपरेशन सिंदूर' जिसका जिक्र होते ही पाकिस्तानी खेमे में खलबली मच गई, और क्यों भारत ने इस संवेदनशील मंच पर बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के लिए पाकिस्तान को सीधे कटघरे में खड़ा किया? 

आइए, इस पूरी कूटनीतिक 'सर्जिकल स्ट्राइक' को Young Bharat News के Explainer में बारीकी से समझते हैं। 

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भारत का रुख बच्चों पर हमले, CAC एजेंडा का उल्लंघन 

निशिकांत दुबे ने अपनी बात स्पष्ट शब्दों में रखी। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर अफगानिस्तान और भारत में स्कूलों और छात्रों को निशाना बनाकर संयुक्त राष्ट्र के बाल एवं सशस्त्र संघर्ष CAC के एजेंडे का उल्लंघन कर रहा है। 

एक तीखा सवाल: निशिकांत दुबे ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान-प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा किए गए निर्मम हमले को दुनिया नहीं भूली है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। 

निशिकांत दुबे ने आतंकवाद को सीमा पार से जारी रखने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की और कहा कि महासचिव की CAC 2025 पर रिपोर्ट और सीमा पार से जारी आतंकवाद स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान कैसे अपनी सीमाओं के भीतर बच्चों के खिलाफ हो रहे गंभीर दुर्व्यवहारों से विश्व का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। 

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पर्दाफाश: क्यों पाकिस्तान को 'उपदेश' देना बंद करना चाहिए? 

यह कूटनीतिक दांव-पेंच केवल निंदा तक सीमित नहीं था। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। निशिकांत दुबे ने कहा, "पाकिस्तान ने जानबूझकर हमारी सीमा के गांवों को निशाना बनाया, जिससे कई नागरिकों, खासकर बच्चों की मौत हुई। पाकिस्तान को पहले अपनी नीतियों पर गौर करना चाहिए, अंतरराष्ट्रीय मंच पर उपदेश देना बंद करे और अपने देश में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।" 

यह सीधा हमला था जो पाकिस्तान को उसकी अंदरूनी कमजोरियों पर सोचने को मजबूर करता है। भारत ने यह भी बताया कि वह चाइल्ड हेल्पलाइन जैसी पहल और बाल तस्करी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के माध्यम से बाल अधिकारों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन पाकिस्तान, जो खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करता है, असल में CAC का उल्लंघन करने वालों में से एक है। 

'ऑपरेशन सिंदूर' वो सर्जिकल स्ट्राइक जिससे पाकिस्तान दहला 

इस पूरे वक्तव्य का सबसे बड़ा और सबसे विस्फोटक हिस्सा था 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र। यह कोई साधारण ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की तरफ से आतंकवाद के 'आयोजकों' और 'अपराधियों' को न्याय के कटघरे में लाने की एक स्पष्ट और संतुलित कार्रवाई थी। 

निशिकांत दुबे ने जोर देकर कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग किया और मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। 

यह कदम पहलगाम हमले के बाद उठाया गया था। यह भारत का स्पष्ट संकेत था हम अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब बात हमारे नागरिकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा की आएगी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। 

'ऑपरेशन सिंदूर' ने दिखाया कि भारत आतंकवाद के स्रोत पर हमला करने में सक्षम और इच्छुक है। 

निशिकांत दुबे का यह वक्तव्य केवल पाकिस्तान पर हमला नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति का प्रदर्शन था। 

'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र कर भारत ने एक तीर से दो निशाने साधे। 

पाकिस्तान का पर्दाफाश: बच्चों के अधिकारों की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने का उसका खेल उजागर किया। 

भारत की दृढ़ता: यह साबित किया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा। 

यह कहानी दिखाती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों का उपयोग केवल उपदेश देने के लिए नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तर्कसंगत और कानूनी बताने के लिए भी किया जाता है। 

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