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Dhanteras Photograph: (IANS)
नई दिल्ली। धनतेरस के अवसर पर दक्षिण भारत के धन्वंतरि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। ये मंदिर स्वास्थ्य और आरोग्य के प्रतीक धन्वंतरि को समर्पित हैं। लोग यहां विशेष पूजा-अर्चना कर बीमारी से मुक्ति और लंबी उम्र की कामना करते हैं। दक्षिण भारत के प्रमुख धन्वंतरि मंदिरों में तिरुपति, कुन्नूर और मदुरै स्थित मंदिर शामिल हैं। भक्त दूर-दूर से आते हैं, तेल और जड़ी-बूटियों की दान-प्रथा में भाग लेते हैं और स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं। धनतेरस के दिन यहां विशेष हवन और पूजा का आयोजन होता है, जिससे वातावरण श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
आयुर्वेद का जनक
मालूम हो कि विष्णु भगवान के रूप भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है। भगवान धन्वंतरि रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए जाने जाते हैं, क्योंकि समुंद्र मंथन के समय के वह हाथ में अमृत कलश और जड़ी-बूटियां के साथ अवतरित हुए थे। दक्षिण भारत में भगवान धन्वंतरि को समर्पित कई मंदिर हैं, जहां धनतेरस पर दूर-दूर से भक्त अपनी मन्नत लेकर आते हैं। धनतेरस त्योहार पर भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और आरोग्य होने का वरदान लिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान धन्वंतरि के सबसे ज्यादा मंदिर दक्षिण भारत में हैं? यहां धनतेरस के दिन भक्त अपने रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
चेन्नई आरोग्य पीठम मंदिर
तमिलनाडु के चेन्नई में प्राचीन श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर है, जहां आयुर्वेदिक पूजा का महत्व बहुत ज्यादा है। दूर-दूर से भक्त यहां आकर अपनी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भगवान धन्वंतरि को जड़ी-बूटी अर्पित करते हैं। धनतेरस के मौके पर यहां मंदिर में खास पूजा रखी जाती है और मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है।
तिरुमला में धन्वंतरि मंदिर
वहीं, आंध्र प्रदेश के तिरुमला में धन्वंतरि मंदिर है, जिसे अपनी सकारात्मक ऊर्जा और रोगों से मुक्ति पाने के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि यहां विशेष पूजा-अर्चना करने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और धन-धान्य का आशीर्वाद भी मिलता है। यहां हर साल धन्वंतरि होमम होता है, जो वहां के पुजारी करते हैं। ये होमम पूरे देश के कल्याण और महामारी से बचाने के लिए होता है।
केरल में धन्वंतरि का मंदिर
भगवान धन्वंतरिका मंदिर केरल के वैद्यनाथपुर जिले के त्रिशूर में भी है, जो अपने आप में अनूठा है। इस मंदिर को अपनी पारंपरिक आयुर्वेदिक विरासत के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन अगर मंदिर में बैठकर पूजा और जाप किया जाए तो सभी रोगों से मुक्ति मिलती है और भक्त को लंबी आयु भी मिलती है। यहां भगवान धन्वंतरि पर खास तौर पर घी और तुलसी के पत्ते अर्पित किए जाते हैं और प्रसाद के तौर पर भी उन्हें खाया जाता है। वहां खास तरह का प्रसाद मुक्कुडी बनता है।
केरल के थोट्टुवा में भी भगवान धन्वंतरि का मंदिर है। माना जाता है कि इस मंदिर में खुद भगवान धन्वंतरि विराजते हैं और यहां की गई पूजा फलदायी होती है।
तमिलनाडु का रंगनाथस्वामी मंदिर
तमिलनाडु का रंगनाथस्वामी मंदिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का मंदिर है, लेकिन धनतेरस पर यहां धन्वंतरि भगवान की विशेष पूजा-अर्चना होती है और जड़ी-बूटियों से बना प्रसाद अर्पित किया जाता है। धनतेरस के मौके पर भक्त लंबी-लंबी लाइनों में लगकर भगवान के दर्शन करते हैं और प्रसाद स्वरूप प्राकृतिक चीजें अर्पित करते हैं। भक्त यहां अपने परिवार के लिए अनुष्ठान भी कराते हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)