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Ghaziabad- 84 सिख दंगों को सिख नरसंहार घोषित किया जाए, जख्म आज भी ताज़ा है, सरदार एस० पी० सिंह

84 सिख दंगों को लेकर सरदार एस० पी० सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग की हैं कि 84 दंगों को सिख नरसंहार घोषित किया जाए, इससे पहले अमेरिका भी इस दंगे को नरसंहार घोषित कर चुका है।

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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केंद्रीय गृह मंत्री से 84 के सिक्ख दंगे को सिक्ख नरसंहार घोषित करने की माँग- सरदार एस० पी० सिंह 

84 की कांग्रेस सरकार का सच लोगों को बताना ज़रूरी।

1984 का वो काला अध्याय 

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ग़ाज़ियाबाद- उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य व भाजपा महानगर के पूर्व संयोजक सरदार एस० पी० सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 1984 के दंगों को सिक्ख नरसंहार घोषित करने की माँग की है। श्री सिंह ने कहा कि 1984 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शासन में हज़ारों बेगुनाह व निहत्थे सिक्खों का कत्लेआम किया गया था, वो ज़ख्म आज भी ताज़ा है।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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सिक्खों के घरों में लूटपाट कराई गई, महिलाओं के साथ बर्बरता के साथ घिनौना अत्याचार किया गया, सिक्खों के घरों व उनको ज़िंदा जलाने का काम करवाया गया। हज़ारों निर्दोष सिक्खों की हत्या के लिए यह एक योजनाबद्ध नरसंहार था जोकि न केवल दिल्ली, उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में भी कराया गया था।

कांग्रेस ने दोषियों पर नहीं की कारवाई 

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भी अपने शासन काल में न तो संसद में और न ही संसद के बाहर इस नरसंहार की निंदा नहीं की, दोषियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा भी दर्ज नहीं कराये और न ही उनको सज़ा दिलाने का कोई प्रयास किया और न ही मृतक व पीड़ितों के परिजनों को कोई राहत या मुआवजा नहीं दिया गया।

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जबकि इस नरसंहार में कई बड़े प्रमुख कांग्रेसी नेताओं की संलिप्तता जगज़ाहिर हो रही थी, पर सत्ता के दबाव में मुकदमों को दर्ज नहीं कराया गया। 

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प्रधानमंत्री ने लिया गंभीरता से

2014 में केन्द्र में मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इस 84 के नरसंहार को गम्भीरता से लेते हुए पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता दिलाने व दोषियों को सजा दिलाने के लिए एसआईटी का गठन करने का आदेश जारी किया।

जाँच में अब दोषियों पर पुनः कार्यवाही शुरू की गई है और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 

अमेरिका ने घोषित किया सिख नरसंहार 

श्री सिंह ने बताया कि विश्व भर के मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक संस्थाओं एवं विभिन्न देशों की सरकारों ने भी इसे दंगा न मानते हुए सिक्ख नरसंहार मानते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।न्यूयार्क की राज्य सीनेट ने भी 84 के दंगों को सिक्ख नरसंहार घोषित किया है और तत्कालीन शासन में सिक्खों के साथ हुई क्रूरता और अन्याय को विश्व के सामने उजागर किया है। 

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गुरुओं का रहा गौरवशाली इतिहास 

श्री सिंह ने कहा कि न केवल भारत वर्ष में बल्कि पूरे विश्व में सिक्खों का एक गौरवशाली इतिहास रहा है । देश, सनातन व धर्म की रक्षा के लिए सिक्ख गुरुओं के बलिदान व योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। गत ग्यारह वर्षों से मोदी सरकार द्वारा सिक्ख गुरुओं के बलिदान व सिक्खों के गौरवशाली इतिहास से लोगों को अवगत कराया है जिससे देशभक्ति की भावनाएं जागृत हुई हैं। देश इस वर्ष हिंदू धर्म के रक्षक व बलिदानी महापुरुष सिक्खों के नौवें गुरु तेग़ बहादुर जी की शहादत का 350 वर्ष बड़े ही गौरव के साथ मनायेगा।

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सच आए सामने 

श्री सिंह ने कहा कि सिक्ख समुदाय का मानना है कि पूरी जाँच के अभाव में सिक्ख नरसंहार के दोषियों को आज तक सजा नहीं मिल सकी है। एसआईटी का दायरा बढ़ाया जाए। पूरे देश को 1984 में कांग्रेस शासन काल में हुए कत्लेआम को सिक्ख नरसंहार घोषित किया जाए और इस बारे में लोगों को सच्चाई बताई जाये ताकि कांग्रेस का असली चेहरा देश व पूरे विश्व को दिखाया जाए। 

श्री सिंह ने कहा कि संगत केंद्र सरकार से पुरज़ोर तरीक़े से माँग करती है कि सदन में चर्चा करके 1984 के दंगों को सिक्ख नरसंहार घोषित किया जाए ताकि कांग्रेस के असली चेहरे से देश की जनता वाक़िफ़ हो जाये और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए तथा दोषियों के ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही करते हुए उन्हें सज़ा दिलाई जाए।

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