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Govardhan Puja: गोवर्धन पर क्यों बनाया जाता है अन्नकूट? शरीर के लिए वरदान है ये प्रसाद

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट पर्व मनाने की परंपरा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है। श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। भक्त इस दिन भगवान को धन्यवाद स्वरूप विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर अन्नकूट का प्रसाद अर्पित करते हैं।

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YBN News
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GovardhanPuja Photograph: (ians)

नई दिल्ली। गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट पर्व मनाने की परंपरा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। भक्त इस दिन भगवान को धन्यवाद स्वरूप विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर अन्नकूट का प्रसाद अर्पित करते हैं। इसमें अनाज, दाल, सब्जियां और मिठाइयां शामिल होती हैं। यह प्रसाद शरीर को पोषण देने वाला और पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला माना जाता है। अन्नकूट न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शरीर के लिए भी ऊर्जा और स्वास्थ्य का वरदान माना जाता है।

भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित

अन्नकूट को लेकर एक मान्यता है। माना जाता है कि अन्नकूट बनाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है और घर की रसोई हमेशा अन्न और सब्जियों से भरी रहती है। इस मान्यता का पालन करते हुए भी भक्त अन्नकूट बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करते हैं।

गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व

मालूम हो कि एक और मान्यता है कि दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। मथुरा और गोवर्धन में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और मंदिरों में अन्नकूट को प्रसाद की तरह बांटा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अन्नकूट क्या होता है और स्वास्थ्य की दृष्टि से कितना महत्वपूर्ण होता है?

असल में, कार्तिक माह की शुरुआत से ही संक्रमण तेजी से फैलता है कि क्योंकि इस वक्त मौसम धीरे-धीरे बदल रहा होता है। इस माह खांसी, जुकाम, बुखार, आंखों में जलन और स्किन इंफेक्शन सबसे ज्यादा होते हैं। ऐसे में अन्नकूट फाइबर और विटामिन से भरा होता है, जो शरीर को गर्म रखने के लिए संक्रमण से बचाता है।

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अन्नकूट सिर्फ प्रसाद नहीं बल्कि औषधि 

अन्नकूट दीपावली के बाद से बनना शुरू हो जाता है, जिसमें बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी और पूरी और सीजन की सभी सब्जियों से एक मिक्स सब्जी तैयार की जाती है। कई लोग बाजरे की खिचड़ी में ही सीजन की हरी सब्जियां मिलाकर व्यंजन तैयार करते हैं। ये व्यंजन खाने में जितना महत्वपूर्ण होता है, शरीर के लिए भी उतना अच्छा होता है।
बाजरे की खिचड़ी प्रोटीन से भरी होती है और गर्म तासीर की होती है। ये शरीर को हल्की सर्दी से बचाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है, जिससे खांसी-जुकाम परेशान नहीं करते हैं। इसके अलावा कढ़ी भी शरीर को गर्म रखने का काम करती है और सर्दी से बचाती है। ये शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करती है, लेकिन जिन लोगों को कफ की परेशानी है, वे कढ़ी का सेवन कम करें।

बीमारियों से भी बचाती

इसके अलावा हरी सब्जियों को मिक्स करके सब्जी भी तैयार की जाती है जिसमें सीजन की पालक, मेथी, मूली, गाजर, मटर, और बैंगन को मिलाया जाता है। ये सारी सब्जियां विटामिन और फाइबर से भरी होती हैं, जो शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करती हैं और बदलते मौसम से होने वाली बीमारियों से भी बचाती हैं। इसलिए अन्नकूट सिर्फ प्रसाद नहीं बल्कि औषधि का भी काम करता है।

 (इनपुट-आईएएनएस)

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