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Sound Healing India: दुनिया के शोरगुल के बीच मन की शांति, 'साउंड हीलिंग' से सुनें अंदर की आवाज

तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई तनाव, चिंता और थकान से जूझ रहा है। भीड़-भाड़ और शोरगुल के बीच मन को शांति पाना आसान नहीं होता। ऐसे में 'साउंड हीलिंग' यानी ध्वनि चिकित्सा एक प्रभावी उपाय साबित हो रही है।

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YBN News
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नई दिल्ली।तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई तनाव, चिंता और थकान से जूझ रहा है। भीड़-भाड़ और शोरगुल के बीच मन को शांति पाना आसान नहीं होता। ऐसे में 'साउंड हीलिंग' यानी ध्वनि चिकित्सा एक प्रभावी उपाय साबित हो रही है। प्राचीनकाल से प्रचलित यह विधि आजकल आधुनिक जीवनशैली में भी लोकप्रिय हो रही है। इसमें खास तरह की ध्वनियों और कंपन का इस्तेमाल किया जाता है, जो मस्तिष्क और शरीर को गहराई से प्रभावित करते हैं।

ध्वनि चिकित्सा एक प्रभावी उपाय

साउंड हीलिंग से मानसिक तनाव कम होता है, नींद की गुणवत्ता सुधरती है और एकाग्रता बढ़ती है। कई शोध बताते हैं कि यह अवसाद और चिंता से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। तिब्बती बाउल, घंटियां, ड्रम और मंत्रोच्चारण इसके प्रमुख साधन हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि नियमित अभ्यास से व्यक्ति भीतर की शांति से जुड़ पाता है और जीवन में संतुलन कायम रख सकता है। यह विधि आज के दौर में आत्मिक शांति का प्राकृतिक जरिया बन रही है।

आध्यात्मिक संतुलन

 जिंदगी के कुछ पल ऐसे आते हैं जब बस मन थक चुका होता है, और ऐसे में ही 'साउंड हीलिंग' एक वरदान बनकर उभरता है। साउंड हीलिंग (ध्वनि चिकित्सा) एक प्राचीन उपचार विधि है, जिसमें विशेष ध्वनियों और कंपन का उपयोग करके मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त किया जाता है।

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प्राचीन भारत, चीन और तिब्बत में यह पद्धति हजारों वर्षों से प्रचलित है। आज यह विज्ञान भी मानता है कि ध्वनि की तरंगें हमारे मस्तिष्क की तरंगों (ब्रेन वेव्स) को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिक भी इस बात को प्रमाणित करते हैं। जब हम 'टिबेटियन सिंगिंग बाउल' या 'ट्यूनिंग फोर्क' जैसे इंस्ट्रूमेंट की ध्वनि सुनते हैं, तो यह हमारे मस्तिष्क की 'ब्रेनवेव्स' को अल्फा (8–12 हर्ट्ज), थीटा (4–8 हर्ट्ज), और डेल्टा (0.5–4 हर्ट्ज) रेंज में लाने में मदद करता है।

साउंड बाउल्स की कंपन

साउंड बाउल्स की कंपन मस्तिष्क को अल्फा और थीटा वेव्स (रिलैक्सेशन और मेडिटेशन से जुड़ी तरंगें) की ओर लाने में मदद करती है। इससे कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर कम होता है जिससे तनाव मुक्ति में मदद मिलती है और नियमित साउंड थेरेपी से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, विशेषकर उन लोगों में जो चिंता या अवसाद से जूझ रहे होते हैं।

शरीर की बायोलॉजिकल रिदम

जहां साउंड बाउल्स की रिदमिक वाइब्रेशन शरीर की बायोलॉजिकल रिदम (जैसे दिल की धड़कन, सांसों का चलना) को भी संतुलित करती है, जिससे हृदय गति और श्वास में संतुलन बना रहता है। एनआईएच की कई रिसर्च में पाया गया है कि नियमित साउंड हीलिंग से ब्लड प्रेशर कम होता है जिससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का जोखिम घटता है।

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2016 के एक अध्ययन (गोल्डस्बाई, जरनल ऑफ एविडेंस बेस्ड इंटिग्रेटिव मेडिसिन) में पाया गया कि साउंड बाउल थेरेपी के बाद प्रतिभागियों में तनाव और बेचैनी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई। यह उनकी ब्रेनवेव्स के शांत होने के कारण था।

भीतर की आवाज

हालांकि साउंड हीलिंग कोई जादू नहीं है, और न ही यह सबके लिए एक जैसा काम करती है। ये शब्दों से परे, एक कंपन है, जो हमें निराशा से खींच कर आशा और जिंदगी की ओर ले जाती है। लेकिन जब दुनिया की आवाजें बहुत भारी लगने लगें, तब अपने भीतर की आवाज को सुनने के लिए ये एक बेहद कोमल, असरदार माध्यम बन सकती है।

(इनपुट-आईएएनएस)


Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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